मुख्य सलाहकार ने UN अधिकारियों से बातचीत में शापला चत्तर कार्रवाई, डेलवर हुसैन सईदी फैसले के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बर्बरता और वर्षों की कथित न्यायेतर हत्याओं का मुद्दा उठाया।
Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन के दौरान कथित मानवाधिकार हनन और अत्याचारों का दस्तावेजीकरण करने पर जोर दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि इन घटनाओं का उचित रिकॉर्ड रखा जाए ताकि भविष्य में न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
रविवार को संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के साथ बैठक में यूनुस ने कहा कि बिना उचित अभिलेखीय प्रणाली के "सच्चाई जानना और न्याय प्राप्त करना कठिन होगा।" उन्होंने आग्रह किया कि शेख हसीना के प्रशासन के दौरान हुए कथित दमन और पुलिस बर्बरता को संरक्षित किया जाए ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
संयुक्त राष्ट्र के सामने उठाए गंभीर मुद्दे
मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग द्वारा जारी बयान के अनुसार, यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ग्वेन लुईस और मानवाधिकार विशेषज्ञ हुमा खान से मुलाकात के दौरान शापला चत्तर में प्रदर्शनकारियों पर की गई पुलिस कार्रवाई और डेलवर हुसैन सईदी के फैसले के बाद हुई हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्षों तक कथित तौर पर बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के हुई हत्याओं की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई सहयोग की इच्छा
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बांग्लादेश में मानवाधिकार हनन की घटनाओं का दस्तावेजीकरण करने में सहयोग देने की इच्छा व्यक्त की। लुईस ने तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "यह एक उपचार और सत्य-निर्माण की प्रक्रिया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की आवश्यकता है।"
यूनुस ने UN की रिपोर्ट को बताया 'समय पर और जरूरी'
मुख्य सलाहकार ने संयुक्त राष्ट्र की हालिया मानवाधिकार रिपोर्ट की सराहना की, जिसमें जुलाई-अगस्त 2024 के विद्रोह के दौरान हुए उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया गया था। इस विद्रोह के बाद हसीना सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी और उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी थी। यूनुस ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण और समय पर है। इससे बांग्लादेश के लोगों को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी।"
मानवाधिकार परिषद में पेश होगी रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क 5 मार्च को जिनेवा में होने वाले मानवाधिकार परिषद सत्र में इस रिपोर्ट को प्रस्तुत करेंगे। लुईस के अनुसार, यह रिपोर्ट बांग्लादेश में हुए अत्याचारों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करेगी और आगे की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करेगी।
रोहिंग्या शरणार्थियों के हालात पर भी हुई चर्चा
बैठक में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। लुईस ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सहायता में लगातार गिरावट के कारण शरणार्थियों की स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए भोजन और आवश्यक सेवाएं बनाए रखने के लिए प्रति माह 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 13 से 16 मार्च तक बांग्लादेश का दौरा करेंगे। इस दौरान वे शरणार्थी संकट को लेकर बातचीत करेंगे और वैश्विक ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। लुईस ने कहा, "हम फंडिंग को लेकर बहुत चिंतित हैं। अगर तत्काल सहायता नहीं मिली, तो रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति और खराब हो सकती है।"
बांग्लादेश में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बयानों के बाद शेख हसीना सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है। मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि अगर इन आरोपों की निष्पक्ष जांच होती है, तो बांग्लादेश में लंबे समय से चले आ रहे सत्ता दमन के मामलों पर उचित कार्रवाई की जा सकती है।