भारत-क़तर: पूर्व भारतीय नौसैनिकों को क़तर ने उम्रकैद से किया आजाद, 7 अफसरों की भारत वापसी, 2022 में जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार

भारत-क़तर: पूर्व भारतीय नौसैनिकों को क़तर ने उम्रकैद से किया आजाद, 7 अफसरों की भारत वापसी, 2022 में जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार
subkuz.com
Last Updated: 13 फरवरी 2024

भारत-क़तर: पूर्व भारतीय नौसैनिकों को क़तर ने उम्रकैद से किया आजाद, 7 अफसरों की भारत वापसी, 2022 में जासूसी के आरोप में किया गिरफ्तार 

भारत ने एक बार फिर कूटनीति जीत हासिल की है। क़तर ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया। बताया गया जिनमें से 7 अफसर सोमवार को भारत लौट आये। भारत सरकार ने इनके आगमन पर ख़ुशी जताई। ये क़तर में जासूसी के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। पहले इनको फांसी की सजा सुनाई गई थी।

क़तर ने अगस्त 2022 में किया था गिरफ्तार

विदेश मंत्रालय ने सोमवार (12 फरवरी) को कहा- 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक दोहा स्थित अल देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज कंपनी में काम करते थे। क़तर की इंटेलिजेंस एजेंसी (Intelligence Agency) के राज्य सुरक्षा ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को हिरासत में लिया था। सूत्रों के मुताबिक, सभी नौसैनिकों पर इजराइल को सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इन्फॉर्मेंन देने का आरोप लगाया गया था।

फांसी की सजा को बदला उम्र कैद में  

subkuz.com को मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सभी अफसर नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली क़तर की एक प्राइवेट कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी (Dahra Global Technology and Consultancy) में काम करते थे। बताया गया कि गिरफ्तारी के लगभग 14 महीने बाद, 26 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन 28 दिसंबर 2023 को क़तर ने इनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। 

हालांकि, क़तर सरकार ने कभी आरोप सार्वजनिक नहीं किये, अल दहरा ग्लोबल कंपनी क़तर के सैन्य बलों अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण के साथ अन्य सेवाएं मुहैया कराती है। 30 अक्टूबर 2023 को इन भारतीय नौसैनिकों के परिजनों ने विदेश मंत्री S. जयशंकर से मुलाकात की थी। उसके बाद भारत द्वारा पूर्व नेवी अफसरों को रिहा करने की पूरी कोशिश की गई।

 

पूर्व नौसैनिकों की सजा से रिहाई

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इन 8 नौसैनिकों की रिहाई का स्वागत करती है। इनकी घर वापसी के लिए क़तर के इस फैसले की सराहना करते हैं। बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के मध्य दुबई में Cop-28 सम्मेलन में हुई मुलाकात के 28 दिनों में यह फैसला सुनाया गया था। 1 दिसंबर को हुई भेंट के बाद PM मोदी ने कहा था कि उन्होंने क़तर में रह रहे भारतीय नौसैनिकों के रिहाई के सम्बन्ध में भी अमीर से बात-चीत की गई थी। जानकरी के अनुसार, 3 दिसंबर क़तर में मौजूद भारत के एम्बेसडर निपुल ने भी 8 पूर्व भारतीय नेवी अफसरों से मुलाकात की थी।

पूर्व भारतीय नौसैनिकों ने भारत लौटने पर जताई ख़ुशी

क़तर से रिहाई के बाद भारत लौटे 8 पूर्व नौसैनिक - कैप्टन नवतेज सिंह (चंडीगढ़), कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला (उम्र 54,विशाखापट्टनम) , कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार और नाविक रागेश थे। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटने के बाद  मिडिया से बात करते हुए कहा कि - भारत सरकार के प्रयासों से ही आज हम भारत लौट पाएं हैं। PM मोदी के बिना हस्तक्षेप के हमारा भारत लौटना संभव नहीं था। हम 18 माह बाद भारत वापस आये हैं। भारत सरकार और PM मोदी द्वारा किये गए प्रयासों के लिए उनकों धन्यवाद देते हैं।

 

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