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भारत-श्रीलंका के बीच रणनीतिक एनर्जी डील, त्रिंकोमाली बनेगा ऊर्जा हब, जानें पूरी जानकारी

भारत-श्रीलंका के बीच रणनीतिक एनर्जी डील, त्रिंकोमाली बनेगा ऊर्जा हब, जानें पूरी जानकारी
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में भारत-श्रीलंका संबंधों को एक नई ऊंचाई देने वाले कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। 

कोलंबो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच हाल ही में कोलंबो में हुई उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता के बाद ऊर्जा, रक्षा, डिजिटल और स्वास्थ्य क्षेत्र में सात प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच हुआ त्रिपक्षीय समझौता रहा।

त्रिंकोमाली का रणनीतिक महत्व

श्रीलंका का त्रिंकोमाली तटीय जिला, अपने गहरे प्राकृतिक बंदरगाह और ऊर्जा अवसंरचना के कारण पूर्वोत्तर हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम है। इस क्षेत्र को ऊर्जा हब बनाने की योजना चीन के बढ़ते प्रभाव विशेष रूप से सिनोपेक के 3.7 बिलियन डॉलर के निवेश के जवाब में भारत की रणनीतिक पहल मानी जा रही है।

भारत-श्रीलंका-यूएई त्रिपक्षीय साझेदारी

इस डील में यूएई की भागीदारी इसे और अधिक प्रभावशाली बनाती है। त्रिपक्षीय समझौते के तहत:
त्रिंकोमाली में मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन और अन्य ऊर्जा सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
भारत ने त्रिंकोमाली ऑयल टैंक फार्म के विस्तार की भी सहमति जताई है।
यूएई को इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली ऊर्जा परियोजना में शामिल किया गया है।

प्रमुख समझौते और घोषणाएं

सात MoU पर हस्ताक्षर – ऊर्जा, डिजिटल, रक्षा, स्वास्थ्य और बौद्ध विरासत से जुड़े क्षेत्रों में।
भारत हर साल 700 श्रीलंकाई नागरिकों को ट्रेनिंग देगा।
$100 मिलियन का कर्ज कम ब्याज वाले ग्रांट में बदला जाएगा।
2025 में अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस के अवसर पर भगवान बुद्ध के अवशेष श्रीलंका में प्रदर्शित होंगे।
भारत त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर, नुवारा एलिया के सीता एलिया मंदिर, और अनुराधापुरा के पवित्र शहर परिसर को अनुदान देगा।
श्रीलंका के धार्मिक स्थलों पर 5000 सोलर रूफटॉप यूनिट्स लगाए जाएंगे।

दांबुला में तापमान नियंत्रित वेयरहाउसिंग सुविधा बनाई जाएगी।

यह डील ऐसे समय में हुई है जब श्रीलंका ने हाल ही में चीन की सिनोपेक कंपनी के साथ हम्बनटोटा में रिफाइनरी के लिए समझौता किया है। भारत इस नई पहल के ज़रिए चीन के संभावित प्रभाव को उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में सीमित करना चाहता है। भारत और यूएई पहले ही 2018 में तीसरे देशों में संयुक्त विकास परियोजनाओं पर सहमति जता चुके हैं। इस त्रिपक्षीय योजना में, यूएई की भूमिका को लेकर आगे बी2बी चर्चा के ज़रिए विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। यह परियोजना सरकारी और निजी संस्थाओं की संयुक्त भागीदारी से आगे बढ़ेगी।

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