रूस के कजान शहर में 22 से 24 अक्टूबर के बीच ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन हो रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, और यह ब्रिक्स समूह के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। आइए, जानें ब्रिक्स क्या है, भारत का दबदबा क्यों बढ़ा है, नए सदस्यों के शामिल होने में भारत की भूमिका और सम्मेलन का एजेंडा क्या है?
BRICS Summit 2024: वोल्गा नदी के किनारे बसे रूस के कजान शहर में आज, यानी 22 अक्टूबर से ब्रिक्स (BRICS) के 16वें शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इस बार की खासियत यह है कि चार नए सदस्य देश—ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात—ब्रिक्स में शामिल हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए कजान पहुंचे हैं, जहां पहले बंद कमरे में बातचीत होगी और फिर ओपन प्लेनरी में कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय संवाद होगा।
ब्रिक्स क्या है?
ब्रिक्स (BRICS) पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। हालिया विस्तार के बाद, चार नए देश भी समूह में शामिल हो गए हैं। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास, आपसी सहयोग और वैश्विक मंच पर सामूहिक आवाज उठाने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।
ब्रिक्स का इतिहास
RIC (1990 के दशक)- अमेरिका के प्रभाव को चुनौती देने के लिए रूस, भारत और चीन ने मिलकर एक संगठन बनाया।
BRIC (2001)- चार देशों: ब्राजील, रूस, भारत और चीन को गोल्डमैन सैक्स ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में पहचाना, जिसके बाद 2009 में इन देशों ने BRIC संगठन बनाया।
BRICS (2010)- दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने से संगठन का नाम BRICS हो गया।
भारत का बढ़ता प्रभाव
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था इसे वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी बना रही है। इसके अलावा, भारत ने वैश्विक महामारी के दौरान वैक्सीन सप्लाई, जलवायु परिवर्तन और व्यापार नियमों पर सक्रिय भूमिका निभाई है, जिससे इसका ब्रिक्स में प्रभाव और बढ़ा है।
चार नए देशों का शामिल होना
भारत ने BRICS में नई उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल करने पर जोर दिया। नए सदस्यों का चयन करते समय भारत ने यह सुनिश्चित किया कि वे विभिन्न महाद्वीपों से आएं, जिससे BRICS की वैश्विक उपस्थिति बढ़ेगी।
चीन-भारत के बीच खींचतान
BRICS के विस्तार को लेकर चीन और भारत के बीच मतभेद रहे हैं। चीन संगठन में विकासशील देशों की संख्या बढ़ाना चाहता था, जबकि भारत ने सतर्कता बरती। भारत चाहता है कि नए सदस्य देशों का चयन उनकी आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण पर आधारित हो, जिससे संगठन की एकता और प्रभावशीलता बनी रहे।
शिखर सम्मेलन का एजेंडा
BRICS शिखर सम्मेलन में आर्थिक मंदी, मुद्रास्फीति, और व्यापार असंतुलन पर चर्चा होगी। इसके साथ ही तकनीकी सहयोग और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
नए बदलाव
1. नई मुद्रा प्रणाली- BRICS देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए एक नई वैश्विक मुद्रा प्रणाली पर विचार कर रहे हैं।
2. नई विकास बैंक- BRICS देशों ने 'New Development Bank' की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
3. BRICS में कुल सदस्य- अब BRICS में कुल नौ सदस्य देश हैं:
ब्राजील
रूस
भारत
चीन
दक्षिण अफ्रीका
इथियोपिया
ईरान
मिस्र
संयुक्त अरब अमीरात
अब तक के ब्रिक्स सम्मेलनों की संख्या
ब्रिक्स का पहला सम्मेलन 2009 में रूस में हुआ था। इसके बाद से अब तक 15 सम्मेलनों का आयोजन हो चुका है। इस बार कजान में 16वां सम्मेलन हो रहा है, और रूस चौथी बार इसकी मेजबानी कर रहा है।