चीन ने ताइवान के खिलाफ लिया एनाकोंडा रणनीति का सहारा, कमांडर एडमिरल ने किया खुलासा और कहा - गलत निर्णय लेने के लिए......

चीन ने ताइवान के खिलाफ लिया एनाकोंडा रणनीति का सहारा, कमांडर एडमिरल ने किया खुलासा और कहा - गलत निर्णय लेने के लिए......
Last Updated: 3 घंटा पहले

चीन ने ताइवान के खिलाफ एनाकोंडा रणनीति को अपना लिया है। इस योजना पर दुनियाभर में चर्चा हो रही है। चीन अपनी इस रणनीति के माध्यम से ताइवान पर दबाव बना रहा है। हाल ही में ताइवान के कमांडर एडमिरल ने इस रणनीति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि चीन की योजना यह है कि ताइवान को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर किया जाए।

China-Taiwan: चीन लंबे समय से ताइवान पर अधिकार करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसकी यह इच्छा अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। भारत के खिलाफ 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति बनाने के बाद, चीन ने अब ताइवान की रणनीतिक घेराबंदी के लिए एक विशेष योजना तैयार की है। इस योजना को 'एनाकोंडा रणनीति' का नाम दिया गया है।

हाल ही में एक इंटरव्यू में ताइवान के नौसेना कमांडर एडमिरल तांग हुआ ने यह दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ताइवान के खिलाफ 'एनाकोंडा रणनीति' का उपयोग कर रही है। यह रणनीति पहली बार 1861 से 1865 के बीच अमेरिकी गृह युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल विनफील्ड स्कॉट द्वारा लागू की गई थी।

क्या-क्या शामिल हैं एनाकोंडा रणनीति में 

चीन की एनाकोंडा रणनीति में साइबर हमले, मनोवैज्ञानिक युद्धनीति और सैन्य अभ्यास शामिल हैं। इसका मुख्य लक्ष्य ताइवान को चारों ओर से घेरना है। इस रणनीति के अंतर्गत, चीन पहले ताइवान की सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास करेगा। इसके बाद, वह ताइवान की ऊर्जा आवश्यकताओं को निशाना बनाएगा। इसके अतिरिक्त, चीन ताइवान के भीतर बड़े पैमाने पर अराजकता फैलाने की योजना भी बना रहा है।

ऐसे काम करती हैं एनाकोंडा रणनीति

यह रणनीति बिल्कुल उसी तरह काम करती है जैसे एक एनाकोंडा अपने शिकार पर हमला करता है। एनाकोंडा सबसे पहले अपने शिकार को ध्यान से देखता है। फिर वह लंबे समय तक धैर्यपूर्वक इंतजार करता है। कहा जाता है कि वह कई घंटों या यहां तक कि कई दिनों तक अपने शिकार की प्रतीक्षा में एक ही स्थिति में पड़ा रह सकता है।

जब शिकार उसके करीब पहुंचता है, तो वह बहुत तेजी से हमला करता है, जिससे शिकार को बचने का कोई मौका नहीं मिलता। एनाकोंडा अपने शिकार को चारों ओर से लपेट लेता है और फिर उसे दम घुटने तक जकड़कर उसकी जान ले लेता है। चीन भी ताइवान के खिलाफ इसी रणनीति का पालन कर रहा है।

नाकेबंदी करना रणनीति का महत्वपूर्ण पहलू

नाकोंडा अपने शिकार को इतनी मजबूती से पकड़ लेता है कि उसके शरीर में खून का प्रवाह रुक जाता है। चीन भी ताइवान के खिलाफ इसी प्रकार की योजना बना रहा है। सबसे पहले, वह ताइवान को चारों ओर से घेर कर उसकी सप्लाई चेन को बाधित करने का प्रयास करेगा। इसके बाद, ताइवान में अराजकता फैलाने की योजना है, जिससे ताइवान पूर्ण हमले से पहले ही चीन के सामने आत्मसमर्पण कर दे।

एनाकोंडा रणनीति: क्या करेगा चीन?

चीन ताइवान पर सीधे हमले से दूर रहने की रणनीति अपनाएगा। इसके बजाय, वह ताइवान के खिलाफ साइबर हमले कर सकता है और गलत सूचनाओं का प्रयोग करके अराजकता फैलाने का प्रयास कर सकता है। चीन का ताइवान की आर्थिक नाकाबंदी करने का एक योजना है, ताकि उसे घुटनों पर लाया जा सके।

इसके अतिरिक्त, वह ताइवान को घेरकर इसके संपर्क को अन्य देशों से काटने की कोशिश कर सकता है। यदि चीन ने घेराबंदी की, तो ताइवान में ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता है। चीन ताइवान की हरित ऊर्जा परियोजनाओं, जैसे कि सौर ऊर्जा संयंत्रों, को भी निशाना बना सकता है।

वर्तमान में, चीन ताइवान को हवाई और जलमार्ग दोनों दिशाओं से घेरने की तैयारी कर रहा है, और उसकी सेना ताइवान के निकट पहुंच रही है।

युद्ध से पहले थकाने की योजना

चीन की वायुसेना और नौसेना लगातार घुसपैठ करने का प्रयास कर रही हैं। ताइवान के चारों ओर चीनी युद्धपोतों और सैनिकों की बड़ी संख्या जमा हो गई है। इसका मुख्य उद्देश्य ताइवान की सेना को युद्ध से पहले ही थका देना है। एडमिरल तांग के अनुसार, ताइवान इस टकराव से बचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन चीन की मंशा यह है कि वह ताइवान को किसी गलती के लिए मजबूर करे। यदि ताइवान कोई गलती करता है, तो चीन उसी बहाने से नाकेबंदी शुरू कर देगा।

क्या कहानी है आंकड़ों की?

ताइवान के आस-पास चीनी घुसपैठ में दोगुनी वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष की शुरुआत में 142 चीनी जहाजों की गतिविधियाँ दर्ज की गई थीं, जबकि अगस्त महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 282 तक पहुँच गया। जनवरी में चीन ने ताइवान की हवाई सीमाओं में 36 बार घुसपैठ की, लेकिन सितंबर में यह संख्या बढ़कर 193 तक पहुँच गई।

चीन ने 2024 में ताइवान के निकट 111 विमान और 46 नौसैनिक जहाजों को तैनात किया था। इसके अलावा, चीन के 82 सैन्य विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया। ताइवान के खिलाफ चीनी युद्धाभ्यास में J-20, J-16 लड़ाकू विमान और 052D विध्वंसक शामिल हैं।

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