FBI New Director: काश पटेल बने अमेरिकी सीनेट FBI के डायरेक्टर, भारतीय मूल के है निवासी, जानिए इनके जीवन के बारे में

FBI New Director: काश पटेल बने अमेरिकी सीनेट FBI के डायरेक्टर, भारतीय मूल के है निवासी, जानिए इनके जीवन के बारे में
अंतिम अपडेट: 11 घंटा पहले

काश पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं, जिनका परिवार करीब 70-80 साल पहले गुजरात छोड़कर युगांडा चला गया था। उनके पूर्वजों की तरह, उनका परिवार भी प्रवासी जीवन का हिस्सा रहा है, और अब उनके सभी करीबी परिवार के सदस्य विदेश में बस चुके हैं।

वॉशिंगटन: भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक काश पटेल को अमेरिकी सीनेट ने संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का निदेशक नियुक्त किया है, जिससे वे इस प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। पटेल ने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली।  पटेल का परिवार लगभग 70-80 वर्ष पहले गुजरात के आनंद जिले के भद्रन गांव से युगांडा चला गया था। बाद में, युगांडा छोड़कर उनका परिवार पहले कनाडा और फिर अमेरिका में बस गया। 

कौन है काश पटेल?

पूरा नाम: कश्यप प्रकाश पटेल
जन्म: 1980, न्यूयॉर्क, अमेरिका
मूल जड़ें: गुजरात के आनंद जिले के भद्रन गांव से

शिक्षा

* रिचमंड यूनिवर्सिटी से स्नातक
* न्यूयॉर्क लॉ स्कूल से कानून की डिग्री
* यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाणपत्र

काश पटेल का करियर

उन्होंने अमेरिकी सरकार में विभिन्न उच्च पदों पर कार्य किया है, विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया मामलों में।
वे ट्रंप प्रशासन में रक्षा विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC), गृहभूमि सुरक्षा विभाग (DHS) और कांग्रेस की खुफिया समिति में भी काम किया है।
रूस-ट्रंप चुनाव जांच और अन्य महत्वपूर्ण खुफिया मामलों में उनकी भूमिका रही है।

काश पटेल का आनंद जिले के भद्रन गांव से है खास रिश्ता 

काश पटेल की जड़ें गुजरात के आनंद जिले के भद्रन गांव से जुड़ी हुई हैं, जहां उनका परिवार पाटीदार समुदाय से आता है। उनके पूर्वज 70-80 साल पहले युगांडा चले गए थे, और बाद में कनाडा व अमेरिका में बस गए। आणंद स्थित छग पाटीदार मंडल, जो अपने समुदाय की वंशावली का रिकॉर्ड रखता है, में काश पटेल के पिता प्रमोद पटेल और उनके पूर्वजों की 18 पीढ़ियों की प्रविष्टियां दर्ज हैं। 

हालांकि, काश पटेल का नाम अब तक वंशावली में नहीं जोड़ा गया है। संगठन के सचिव राजेश पटेल ने बताया कि उनके परिवार ने भद्रन गांव में अपना पुश्तैनी घर और जमीन बेच दी थी। अब, यदि काश पटेल का कोई पारिवारिक सदस्य भारत लौटता है, तो उनकी अगली पीढ़ी को वंशावली में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

काश पटेल का परिवार 1972 में तानाशाह ईदी अमीन द्वारा भारतीय समुदाय को देश छोड़ने के आदेश के बाद, उनका परिवार कुछ समय के लिए भारत लौटा। इसके बाद, वे कनाडा चले गए और बाद में अमेरिका में बस गए, जहां 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ। राजेश पटेल, जो छग पाटीदार मंडल के सचिव हैं, ने बताया कि काश पटेल से समुदाय के कई लोग परिचित हैं, हालांकि उन्होंने स्वयं उनसे मुलाकात नहीं की है। उन्होंने यह भी बताया कि पटेल परिवार ने भद्रन में अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेच दी थी और अब उनके सभी रिश्तेदार विदेश में बसे हुए हैं।

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