Friedrich Merz: फ्रेडरिक मर्ज बने जर्मनी के नए चांसलर, एक दशक बाद सत्ता में लौटी CDU; पढ़ें फ्रेडरिक मर्ज का वकील से चांसलर तक का सफर

Friedrich Merz: फ्रेडरिक मर्ज बने जर्मनी के नए चांसलर, एक दशक बाद सत्ता में लौटी CDU; पढ़ें फ्रेडरिक मर्ज का वकील से चांसलर तक का सफर
अंतिम अपडेट: 6 घंटा पहले

जर्मनी के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए कंजर्वेटिव नेता फ्रेडरिक मर्ज (Friedrich Merz) देश के अगले चांसलर बनने की ओर अग्रसर हैं।

बर्लिन: जर्मनी के आम चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए कंजर्वेटिव नेता फ्रेडरिक मर्ज (Friedrich Merz) देश के अगले चांसलर बनने की ओर अग्रसर हैं। उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और सहयोगी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) ने 28.5% वोटों के साथ सबसे बड़ा जनादेश हासिल किया। इसके साथ ही, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) के नेता और निवर्तमान चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और मर्ज को जीत की बधाई दी।

CDU की वापसी और राजनीतिक समीकरण

जर्मनी की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से अस्थिरता देखी जा रही थी, लेकिन इस चुनाव में कंजर्वेटिव गुट ने जोरदार वापसी की। CDU-CSU गठबंधन ने 2015 के शरणार्थी संकट और हालिया आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा, जिससे मतदाताओं का समर्थन बढ़ा। 20.7% वोटों के साथ अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) पार्टी दूसरे स्थान पर रही, जबकि ओलाफ स्कोल्ज़ की SPD को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।

फ्रेडरिक मर्ज का वकील से चांसलर तक का सफर

* 11 नवंबर 1955 को ब्रिलोन, जर्मनी में जन्मे मर्ज कानून से राजनीति तक का सफर तय करने वाले दिग्गज नेता हैं। उनका परिवार कानूनी क्षेत्र से जुड़ा रहा, और उन्होंने 1976 में कानून की पढ़ाई शुरू की। 1989 में वे यूरोपीय संसद के सदस्य बने, और 1994 में बुंडेस्टाग पहुंचे।

* 2000 में CDU के संसदीय गुट के नेता बनने के बाद, मर्ज पार्टी के महत्वपूर्ण नेता बनकर उभरे। लेकिन 2002 में एंजेला मर्केल के नेतृत्व में पार्टी में आंतरिक बदलाव हुआ, जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा। 2009 में राजनीति से संन्यास लेने के बाद उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में करियर बनाया।

* हालांकि, 2018 में जब मर्केल ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की, तो मर्ज ने वापसी की कोशिश की लेकिन पार्टी की कमान एनेग्रेट क्रैम्प-कर्रेनबाउर को सौंप दी गई। 2021 में CDU-CSU की हार के बाद वे फिर से पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेता बनकर उभरे और अब चांसलर पद संभालने के लिए तैयार हैं।

मर्ज के सामने चुनौतियां और भविष्य की रणनीति

* आर्थिक सुधार: महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जर्मनी की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, जिसे पटरी पर लाना बड़ी चुनौती होगी।
* शरणार्थी नीति: मर्ज की पार्टी सख्त आप्रवासन नीति की समर्थक रही है, जिससे आने वाले समय में बड़े फैसले हो सकते हैं।
* यूरोपीय संघ में नेतृत्व: जर्मनी को यूरोप में एक मजबूत आर्थिक और राजनीतिक शक्ति बनाए रखने के लिए नई रणनीति अपनानी होगी।

क्या बदलेगा जर्मनी की राजनीति में?

CDU की सत्ता में वापसी से जर्मनी में नीति निर्माण की दिशा बदलेगी। मर्ज के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था, कर प्रणाली और सुरक्षा नीति पर कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। उनकी छवि बिजनेस-फ्रेंडली और रूढ़िवादी नेता की रही है, जिससे निवेशकों को उम्मीदें हैं कि जर्मनी फिर से आर्थिक सुधार की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा।

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