Henley Passport Index 2024: सिंगापुर का पासपोर्ट बना सबसे शक्तिशाली, पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर, जानें भारत की स्थिति

Henley Passport Index 2024: सिंगापुर का पासपोर्ट बना सबसे शक्तिशाली, पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर, जानें भारत की स्थिति
Last Updated: 2 घंटा पहले

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में एशियाई देशों का दबदबा बरकरार है, जिसमें सिंगापुर और जापान जैसे देश शीर्ष पर बने हुए हैं। इन देशों के पासपोर्ट की वैश्विक पहुंच और प्रभाव ने उन्हें कूटनीतिक रिश्तों के मामले में मजबूत बना दिया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने यह स्पष्ट किया है कि इन देशों ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अपना स्थान सुदृढ़ किया है, जिसके चलते वे अपनी यात्रा पर अधिक देशों में बिना वीज़ा के जा सकते हैं।

इस रिपोर्ट में भारत की स्थिति भी महत्वपूर्ण है, जहां भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन पाकिस्तान के पासपोर्ट की रैंकिंग अब भी सबसे कमजोर बनी हुई है। आइए, विस्तार से जानें भारत और पाकिस्तान की रैंकिंग के बारे में और ये बदलाव कैसे देश की वैश्विक स्थिति को प्रभावित करते हैं।

नई दिल्ली: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स: किसी भी देश की वैश्विक स्थिति का अनुमान उसके शक्तिशाली पासपोर्ट से लगाया जा सकता है। एक मजबूत पासपोर्ट की पहचान यह होती है कि कितने देशों में इसे बिना वीजा के प्रवेश की अनुमति मिलती है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने दुनिया के 199 पासपोर्ट की रैंकिंग तैयार की है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कौन सा पासपोर्ट कितना मजबूत है। आइए, हम दुनिया के टॉप 5 शक्तिशाली पासपोर्ट के बारे में जानते हैं। साथ ही, यह भी जानेंगे कि 199 पासपोर्ट की सूची में भारत किस स्थान पर है।

पासपोर्ट की रैंकिंग कैसे की जाती है?                             

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में पासपोर्ट की रैंकिंग देश के कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक यात्रा की क्षमता पर आधारित होती है। इस इंडेक्स में मुख्य रूप से यह देखा जाता है कि किसी भी देश के पासपोर्ट धारक को कितने देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है। इससे यह साफ होता है कि उस देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और कूटनीतिक संबंध कितने मजबूत हैं। अधिकतर देशों को वीजा-मुक्त प्रवेश देने के लिए द्विपक्षीय समझौतों और वैश्विक संबंधों का अहम योगदान होता है।

सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे मजबूत

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 के मुताबिक, सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया में सबसे मजबूत है। सिंगापुर के पासपोर्टधारकों को 195 देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है, जो इस देश की कूटनीतिक ताकत और वैश्विक कनेक्टिविटी को दर्शाता है। यह इंडेक्स देशों के कूटनीतिक समझौतों और यात्रा की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए हर साल अपडेट किया जाता है।

दूसरे नंबर पर ये पांच देश हैं

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में पावरफुल पासपोर्ट की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पांच देश काबिज हैं। ये देश हैं: फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और स्पेन। इन देशों के नागरिक 192 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। इन देशों के पासपोर्ट की ताकत उनकी मजबूत कूटनीतिक नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दर्शाती है।

छोटे देशों का बड़ा प्रभाव

तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, फिनलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और स्वीडन हैं। इन देशों के नागरिक 191 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। यह दिखाता है कि छोटे देश भी अपनी कूटनीतिक और वैश्विक ताकत से बड़ी स्थिति में हैं।

इन देशों का भी दबदबा

चौथे स्थान पर बेल्जियम, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन हैं, जिनके पासपोर्ट धारकों को 190 देशों में वीजा की आवश्यकता नहीं होती।

ऑस्ट्रेलिया-पुर्तगाल दमदार

पाँचवे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल का नाम आता है, जिनके पासपोर्ट धारकों को बिना वीजा के 189 देशों में यात्रा करने का मौका मिलता है।

भारत का पासपोर्ट, कितनी है उसकी ताकत?

भारत का पासपोर्ट हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में 83वें स्थान पर है। भारतीय पासपोर्ट धारक 58 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, यह रैंकिंग भारत के कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए बेहतर हो सकती थी, लेकिन फिर भी यह भारतीय नागरिकों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करती है।

क्यों है यह दुनिया का सबसे कमजोर?

रैंकिंग में सबसे कमजोर पासपोर्ट पाकिस्तान का है, जो 121वें स्थान पर है। पाकिस्तान के पासपोर्ट धारकों को वीजा-मुक्त एंट्री केवल कुछ देशों में मिलती है। इसके अलावा, अफगानिस्तान, सीरिया, इराक, यमन, और सोमालिया के पासपोर्ट भी दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्टों में शामिल हैं। इन देशों के नागरिकों को बहुत सीमित देशों में वीजा-मुक्त यात्रा का लाभ मिलता है।

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