ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में एक भाषण में सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम एकजुटता कायम होती है, तो यह दुश्मनों के नापाक इरादों को नाकाम कर देगी। खामेनेई ने इस संदेश के माध्यम से विभिन्न मुस्लिम देशों के बीच सहयोग और एकता की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिससे कि सामूहिक रूप से चुनौतियों का सामना किया जा सके।
World: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने शुक्रवार को तेहरान की ग्रैंड मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद मौजूद लोगों को संबोधित किया। इस भाषण में उन्होंने मुस्लिमों से एकजुटता की अपील की। खामनेई ने इस अवसर पर हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्ला और ईरान के जनरल अब्बास निलफोरशान की याद में दुआ का आयोजन किया, जिसके बाद उन्होंने जुमे की नमाज का नेतृत्व किया। अपने संबोधन में खामनेई ने इस्राइल पर तीखा हमला करते हुए इस्लामी देशों की एकता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम एकजुट होते हैं, तो यह दुश्मनों के नापाक इरादों को विफल कर देगा। खामनेई का यह भाषण देश के लिए महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने ईरान और अन्य मुस्लिम देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
खामनेई ने इस्राइल पर किए गए मिसाइल हमले को सही ठहराया
अपने संबोधन में खामनेई ने कहा, "अगर सभी मुस्लिम एकजुट हो जाएं तो इससे सभी दुश्मनों की हार होगी। दुश्मनों का अहंकार मुस्लिमों के बीच बंटवारे और मतभेदों को दर्शाता है।" उन्होंने इस्राइल पर हाल ही में किए गए मिसाइल हमलों को सही ठहराते हुए कहा, "इस्राइल पर किया गया मिसाइल हमला सही और कानूनी तौर पर ठीक था। हर देश को अपने हितों और अपने घर की रक्षा करने का अधिकार है। फलस्तीन और लेबनान के मुस्लिमों पर हमला किया जा रहा है। ऐसे में ईरान ने मिसाइलों से जवाब दिया।" खामनेई का यह बयान इस्राइल के खिलाफ ईरान की नीति को स्पष्ट करता है और मुस्लिम देशों के बीच एकता की आवश्यकता को भी रेखांकित करता हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध चरम पर
ईरान के सुप्रीम लीडर का यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है। इस्राइल और हमास के बीच शुरू हुई लड़ाई अब इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच भी फैल चुकी है, जिससे पूरे क्षेत्र में संघर्ष बढ़ने का डर है। ईरान के हमले के बाद, इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, और अमेरिका ने भी इस्राइल का समर्थन करने का एलान किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इस्राइल, ईरान के तेल के ठिकानों पर हमला कर सकता हैं। वहीं, इस्राइल ने लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं। हाल ही में, इस्राइल ने बेरूत में हिजबुल्ला के एक ठिकाने को निशाना बनाया, जिसमें हिजबुल्ला के शीर्ष नेता हाशेम सैफेद्दीन को निशाना बनाए जाने की खबर हैं।
हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इस हमले में सैफेद्दीन बच गए हैं या नहीं। हसन नसरल्ला के बाद सैफेद्दीन को हिजबुल्ला का नया प्रमुख बनाए जाने की चर्चा भी की जा रही है। इस स्थिति में खामनेई का संबोधन मुस्लिम एकता की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता हैं।
खामेनेई ने इजरायल को दी खुली धमकी
खामेनेई ने इजरायल को एक स्पष्ट चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर इजरायल ने 180 मिसाइलों के हमले का जवाब दिया, तो वह तेल अवीव और हाइफा को मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध की आशंका के बावजूद क्षेत्र में प्रतिरोध कम नहीं होगा। अपने संबोधन में खामेनेई ने उन महत्वपूर्ण हस्तियों का जिक्र किया, जिनकी हत्या की गई थी, जैसे मुख्य न्यायाधीश अयातुल्ला बेहेश्ती, राष्ट्रपति राजाई और प्रधान मंत्री बहोनार। उन्होंने कहा कि इन हत्याओं के बावजूद क्रांति का मार्च रुका नहीं, बल्कि और मजबूत हुआ। खामेनेई ने लेबनान और गाजा में लड़ने वाले अपने सहयोगियों को यह संदेश दिया कि उनकी शहादतें उनके दृढ़ संकल्प को कमजोर नहीं कर सकतीं।