Iran missile attack on Israel: ईरान ने इजरायल पर दागी 180 मिसाइल, IDF ने हवा में ही कर दिया उनका खात्मा; जानें कौन कितना हैं ताकतवर?

Iran missile attack on Israel: ईरान ने इजरायल पर दागी 180 मिसाइल, IDF ने हवा में ही कर दिया उनका खात्मा; जानें कौन कितना हैं ताकतवर?
Last Updated: 9 घंटा पहले

ईरान और इजरायल के बीच तनावपूर्ण संबंध कई दशकों से चल रहे हैं, और हाल की घटनाओं में ईरान द्वारा इजरायल पर 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने की खबरें आई हैं। हालांकि, इजरायल के उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम ने इन मिसाइलों का प्रभावी ढंग से सामना किया और उन्हें नष्ट कर दिया।

विश्व: इजरायल और ईरान के बीच यह हालिया घटना तनाव का एक और उदाहरण है, जहां ईरान ने इजरायल के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायल की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने ज्यादातर मिसाइलों को नष्ट कर दिया, जिससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। यह इजरायल की प्रभावशाली डिफेंस टेक्नोलॉजी का नतीजा हैं।

1. इजरायल बनाम ईरान: ताकत की तुलना

इजरायल की सैन्य शक्ति

* आर्मी: इजरायल की सेना, जिसे आईडीएफ (Israel Defense Forces) के नाम से जाना जाता है, हाई-टेक और पूरी तरह से सुसज्जित है। इसमें लगभग 1,70,000 सक्रिय सैनिक और 4,65,000 रिज़र्व सैनिक हैं।

* एयरफोर्स: इजरायल की वायु सेना को दुनिया की सबसे प्रभावी वायु सेनाओं में से एक माना जाता है। इसके पास F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स समेत आधुनिक जेट और ड्रोन हैं, जो तेज और घातक हमले करने की क्षमता रखते हैं।

* मिसाइल डिफेंस: इजरायल के पास आयरन डोम, डैविड्स स्लिंग, एरो 2 और एरो 3 जैसे अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं, जो छोटी से लेकर लंबी दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को प्रभावी ढंग से रोक सकते हैं।

* न्यूक्लियर पावर: इजरायल को व्यापक रूप से माना जाता है कि उसके पास गुप्त परमाणु हथियार हैं, हालांकि उन्होंने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया हैं।

ईरान की सैन्य शक्ति

* सैन्य बल: ईरान के पास एक विशाल और विविधतापूर्ण सैन्य बल है, जिसमें ग्राउंड फोर्सेस, एयर फोर्स और रिवोल्यूशनरी गार्ड शामिल हैं।

* मिसाइल प्रोग्राम: ईरान ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में काफी निवेश किया है और उसके पास शत्रुतापूर्ण ताकतों के खिलाफ कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल हैं, जैसे कि शहीन और जुल्फ़िकार मिसाइलें।

* प्रतिरोधी शक्ति: ईरान ने अपनी प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय समूहों (जैसे हिज़्बुल्ला) को समर्थन दिया है, जो उसकी सामरिक ताकत को बढ़ाते हैं।

2. खुफिया ताकत

इजरायल:

* मोसाद: इजरायल की खुफिया एजेंसी, मोसाद, दुनिया की सबसे प्रभावशाली खुफिया एजेंसियों में से एक है। यह खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, गुप्त ऑपरेशनों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दक्ष है।

ईरान:

* साफ़वेज़: ईरान की खुफिया एजेंसी, जिसे सावाक भी कहा जाता है, ने अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है, लेकिन इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान कम है। ईरान भी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए अपने रिवोल्यूशनरी गार्ड का उपयोग करता है।

3. तकनीकी और साइबर शक्ति

इजरायल:

* साइबर डिफेंस: इजरायल साइबर सुरक्षा में दुनिया में अग्रणी है। इसका साइबर डिफेंस सिस्टम और रक्षा उद्योग इस क्षेत्र में बहुत विकसित हैं।

* तकनीकी नवाचार: इजरायल के पास अत्याधुनिक तकनीकी नवाचार और अनुसंधान है, जो उसकी सैन्य और नागरिक सुरक्षा में योगदान देता है।

ईरान:

* तकनीकी विकास: ईरान ने साइबर क्षमताओं में सुधार किया है, लेकिन इसकी तकनीकी प्रगति इजरायल के स्तर तक नहीं पहुँच पाई है। ईरान का साइबर हमला करने का भी अनुभव है, लेकिन वह ज्यादातर प्रतिक्रिया में होता है।

4. आर्थिक ताकत

इजरायल:

* सशक्त अर्थव्यवस्था: इजरायल की अर्थव्यवस्था तकनीकी और कृषि उद्योगों पर आधारित है। यह अपने आर्थिक संसाधनों को सैन्य बल में निवेश करने में सक्षम है।

* विदेशी सहायता: अमेरिका से मिलने वाली सहायता इजरायल की अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति को मजबूत बनाती है।

ईरान:

* आर्थिक चुनौतियाँ: ईरान की अर्थव्यवस्था विभिन्न प्रतिबंधों और आंतरिक समस्याओं से प्रभावित हुई है। हालांकि, यह तेल निर्यात पर निर्भर है।

* प्रतिबंधों का प्रभाव: अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ईरान की सैन्य क्षमता सीमित हुई है, लेकिन ईरान ने अपने आर्थिक संसाधनों का एक हिस्सा सैन्य विकास में निवेश किया है।

5. कूटनीतिक स्थिति

इजरायल:

* मजबूत कूटनीतिक संबंध: इजरायल ने अमेरिका और कई यूरोपीय देशों के साथ मजबूत संबंध बनाए हैं। हाल के वर्षों में, इजरायल ने कुछ अरब देशों के साथ भी कूटनीतिक संबंध बनाए हैं।

* कूटनीतिक लाभ: इजरायल की कूटनीतिक स्थिति इसे अपने विरोधियों के खिलाफ एक मजबूत स्थिति में रखती है।

ईरान:

* क्षेत्रीय प्रभाव: ईरान ने क्षेत्रीय शक्तियों और समूहों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है, लेकिन पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हैं।

* अंतरराष्ट्रीय अलगाव: ईरान की कूटनीतिक स्थिति अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और तनावों के कारण कमजोर हुई हैं।

इजरायली डिफेंस सिस्टम ऐसे कर है काम

इजरायल की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली, जिसमें आयरन डोम, डेविड स्लिंग, और एरो डिफेंस सिस्टम शामिल हैं, देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए, इन तीनों प्रणालियों की विशेषताओं और कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हैं:

1. आयरन डोम

कार्य: आयरन डोम मुख्य रूप से छोटे रॉकेट और आर्टिलरी शेल को इंटरसेप्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रणाली तेजी से कार्य करती है, जो उसे तात्कालिक खतरों को नष्ट करने में सक्षम बनाती है।

प्रदर्शन: 2011 से अब तक, आयरन डोम ने हजारों रॉकेटों को सफलतापूर्वक गिराया है, विशेषकर गाज़ा से लॉन्च किए गए रॉकेटों के खिलाफ। यह प्रणाली 90% से अधिक की सफल इंटरसेप्शन दर की रिपोर्ट करती है।

टेक्नोलॉजी: यह प्रणाली स्वचालित लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल उन रॉकेटों को इंटरसेप्ट किया जाए, जो इजरायल के शहरी क्षेत्रों या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ रहे हों।

2. डेविड स्लिंग

कार्य: डेविड स्लिंग एक मध्यम से लंबी दूरी का इंटरसेप्टर सिस्टम है। इसका उपयोग उच्च गति वाले लक्ष्यों को रोकने के लिए किया जाता है, जैसे कि बैलिस्टिक मिसाइलें।

प्रदर्शन: यह प्रणाली विभिन्न प्रकार के खतरों को नष्ट करने की क्षमता रखती है, जिससे यह इजरायल की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण तत्व बन जाती है।

टेक्नोलॉजी: डेविड स्लिंग को विशेष रूप से विकसित किया गया है ताकि यह विभिन्न प्रकार की मिसाइलों और हवाई खतरों को इंटरसेप्ट कर सके।

3. एरो डिफेंस सिस्टम

कार्य: एरो डिफेंस सिस्टम, विशेष रूप से एरो 2 और एरो 3 मिसाइलों से युक्त है, जो उच्च ऊँचाई पर हवाई खतरे को नष्ट करने में सक्षम हैं। यह प्रणाली बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ इजरायल के हवाई क्षेत्र की रक्षा करती है।

प्रदर्शन: एरो सिस्टम की विशेषता यह है कि यह लंबी दूरी की मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखती है, जिससे इजरायल को एक विस्तृत सुरक्षा कवच मिलता है।

टेक्नोलॉजी: यह सिस्टम केवल एरोडायनामिक लक्ष्यों को पहचानता है, बल्कि इसकी सटीकता इसे अत्याधुनिक बनाती हैं।

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