Israel-Hezbollah: इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर डील, इजराइल के लिए मजबूरी बनीं ये 3 बड़ी वजहें, जानिए पूरी जानकारी

Israel-Hezbollah: इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर डील, इजराइल के लिए मजबूरी बनीं ये 3 बड़ी वजहें, जानिए पूरी जानकारी
Last Updated: 27 नवंबर 2024

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षविराम का ऐलान हुआ है, जिससे इजराइली सैनिक लेबनान से वापस लौटेंगे। 30 सितंबर से शुरू हुए जमीनी हमले के दो महीने बाद यह समझौता हुआ है, लेकिन नेतन्याहू को यह डील क्यों करनी पड़ी?

Israel-Hezbollah: इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम समझौता हो चुका है। 30 सितंबर से शुरू हुए जमीनी हमलों के लगभग दो महीने बाद यह डील हुई। हालांकि, गाजा में सीजफायर से इनकार करने वाले इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को हिजबुल्लाह के सामने समझौता क्यों करना पड़ा, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। इसके पीछे 3 अहम वजहें हैं जो इस निर्णय को समझाती हैं।

1. ईरान के हमले का ख़तरा

इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षविराम की एक अहम वजह ईरान का खतरा है। इजराइल को ईरान से सीधे सैन्य हमले का डर है, क्योंकि ईरान अब इजराइल पर हमले के लिए तैयार है। अप्रैल से अक्टूबर तक दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं, और ईरान ने इजराइल को चेतावनी दी है कि उसका अगला हमला पहले से कहीं अधिक घातक होगा। यदि ईरान ने इजराइल पर हमला किया, तो यह दोनों देशों के बीच एक बड़ी युद्ध की शुरुआत हो सकती है। ऐसे में इजराइल को अपने सैनिकों को आराम देने और आने वाले हमलों के लिए तैयारी करने का समय चाहिए था।

2. युद्ध में बड़ा नुकसान

इजराइल को हिजबुल्लाह के साथ युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हिजबुल्लाह के रॉकेट हमलों के कारण इजराइल के उत्तरी हिस्से से 60,000 यहूदी विस्थापित हो गए थे। वहीं, लेबनान में किए गए जमीनी हमलों में कम से कम 50 इजराइली सैनिकों की मौत हुई, और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह के हमलों ने इजराइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी कमजोर कर दिया, जिससे इजराइल पर लगातार हमले हो रहे थे। इसके अलावा, आर्थिक नुकसान भी हुआ है, जिसमें 273 मिलियन डॉलर की संपत्ति और 55,000 एकड़ का क्षेत्र हिजबुल्लाह के हमलों में जलकर राख हो गया। ऐसे में इजराइल के लिए लंबे समय तक युद्ध जारी रखना मुश्किल था।

3. सैनिकों पर मानसिक और शारीरिक असर

इजराइल एक साथ कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है, जिससे सैनिकों पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ गया है। गाजा में सालभर से जारी जमीनी ऑपरेशन और लेबनान में 30 सितंबर से शुरू हुए हमलों के बाद सैनिक थक गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइली सैनिक युद्ध के मानसिक थकावट से जूझ रहे हैं और कई सैनिक PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) से भी प्रभावित हैं। इजराइल को अपने सैनिकों को आराम देने और उन्हें तैयार करने का समय चाहिए था। कई सैनिकों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को पत्र लिखकर गाजा में युद्धविराम की मांग की थी, और इस मामले में सीजफायर की जरूरत महसूस की गई।

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