Israel Hezbollah War: हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने चुना अपना नया उत्तराधिकारी, नईम कासिम को बनाया गया डिप्टी सेक्रेटरी

Israel Hezbollah War: हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने चुना अपना नया उत्तराधिकारी, नईम कासिम को बनाया गया डिप्टी सेक्रेटरी
Last Updated: 29 अक्टूबर 2024

हिजबुल्लाह ने अपने नए नेता के रूप में डिप्टी सेक्रेटरी नईम कासिम को हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में चुना है। यह निर्णय नसरल्लाह की मृत्यु के बाद लिया गया, जो इजरायल के हमले में मारे गए थे। नईम कासिम अब संगठन का नेतृत्व करेंगे और हिजबुल्लाह की नीतियों और गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे।

World News: हिजबुल्लाह ने इजरायली हमले में अपने शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद संगठन का नेतृत्व संभालने के लिए नईम कासिम को नया नेता चुना है। नईम कासिम, जो पहले संगठन के डिप्टी सेक्रेटरी थे, अब नसरल्लाह के उत्तराधिकारी होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समय नईम कासिम ईरान में हैं। इजरायली हमले में हसन नसरल्लाह और हिजबुल्लाह के अन्य प्रमुख नेता, जैसे हाशेम सफीद्दीन, भी मारे जा चुके हैं। माना जा रहा है कि कासिम इजरायल के संभावित अगले निशाने में शामिल हो सकते हैं।

हमले में अबतक मारे गए हिजबुल्लाह के ये नेता

इजरायल द्वारा हालिया हमलों में हिजबुल्लाह के कई शीर्ष नेता मारे गए हैं, जिनमें प्रमुख नेता और संगठन के महासचिव हसन नसरल्लाह भी शामिल हैं। इन हमलों में हिजबुल्लाह के संस्थापक सदस्य फौद शुकर, शीर्ष कमांडर अली कराकी, केंद्रीय परिषद के उप प्रमुख नबील कौक, ड्रोन यूनिट के प्रमुख मोहम्मद सरूर, मिसाइल यूनिट प्रमुख इब्राहिम कुबैसी, ऑपरेशन कमांडर इब्राहिम अकील और वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद नासिर भी शामिल थे। इस हमले ने हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को काफी हद तक प्रभावित किया है और संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना को जन्म दिया हैं।

कौन है नईम कासिम?

नईम कासिम हिजबुल्लाह के शुरुआती और प्रमुख नेताओं में से एक हैं और संगठन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं का अनुभव रखते हैं। उन्होंने 1970 के दशक में लेबनान की एक यूनिवर्सिटी से रसायन विज्ञान में पढ़ाई की, साथ ही प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान अयातुल्लाह मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह के तहत धार्मिक शिक्षा भी प्राप्त की। अपने प्रारंभिक करियर में, 1974 से 1988 तक, कासिम ने एसोसिएशन फॉर इस्लामिक रिलीजन एजुकेशन का नेतृत्व किया, जहाँ वे हिजबुल्लाह के स्कूल नेटवर्क की देखरेख करते थे।

1991 में उन्हें हिजबुल्लाह का उप महासचिव बनाया गया, और तब से वे संगठन की सर्वोच्च शूरा परिषद के सदस्य भी रहे हैं। इस भूमिका में, उन्होंने हिजबुल्लाह की रणनीतियों और नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हिजबुल्लाह की सर्वोच्च परिषद के भीतर कासिम की स्थिति से संगठन के धार्मिक और शैक्षणिक कार्यों पर उनका प्रभाव स्पष्ट होता है, जो उनके नेतृत्व को नए दौर में मजबूत आधार दे सकता हैं।

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