एलडीपी और उसके लंबे समय के सहयोगी कोमीतो को हार का सामना करना पड़ सकता है। यदि ये जनमत सर्वेक्षण सही साबित होते हैं, तो प्रधानमंत्री इशिबा को बहुमत खोने के कारण छोटे दलों के साथ सत्ता-साझा करने के लिए बातचीत करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो कि केवल एक महीने पहले ही सत्ता में आए हैं।
Tokyo: जापान के मतदाता आज प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की सरकार की किस्मत का फैसला करेंगे। इस चुनाव में उनके गठबंधन के लिए संकट के बादल छाए हुए हैं। फंडिंग घोटाले और बढ़ती महंगाई के कारण लोग इशिबा सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, जिससे उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) का एक दशक पुराना प्रभुत्व समाप्त हो सकता है।
जापान में राजनीतिक अस्थिरता का खतरा
एलडीपी और उसके लंबे समय के सहयोगी कोमीतो को हार का सामना करना पड़ सकता है, जिससे गठबंधन संभवतः अपना संसदीय बहुमत खो देगा। जापान इस समय बढ़ती महंगाई और पड़ोसी चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों से जूझ रहा है।
यदि जनमत सर्वेक्षणों की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो बहुमत गंवाने के कारण इशिबा को छोटे दलों के साथ सत्ता-साझा करने के लिए बातचीत करने पर मजबूर होना पड़ेगा, जो कि केवल एक महीने पहले सत्ता में आए हैं। इससे कुछ नीतिगत क्षेत्रों में अनिश्चितता का माहौल बन सकता है, हालांकि किसी भी सर्वेक्षण में यह नहीं कहा गया है कि एलडीपी सत्ता से बाहर हो जाएगा।
जापान के सामने बढ़ेंगी चुनौतियां
राजनीतिक परिणामों के कारण बाजार में उथल-पुथल मच सकती है, जो बैंक ऑफ जापान के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकती है। यदि शिगेरू इशिबा ऐसे सहयोगी का चयन करते हैं जो केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के दौरान लगभग शून्य ब्याज दरों को बनाए रखने के पक्षधर हैं, तो जापान की समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं।
कांडा यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में जापानी राजनीति के विशेषज्ञ जेफरी हॉल का कहना है, "नेता के रूप में वे (शिगेरू इशिबा) काफी कमजोर हो जाएंगे, और उनकी पार्टी उन नीतियों में कमजोर हो जाएगी जिन पर वे विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। गठबंधन सहयोगियों को शामिल करने से उन्हें उस पार्टी के साथ कुछ समझौतों की आवश्यकता पड़ेगी, चाहे वह कोई भी पार्टी हो।"
सर्वेक्षण के निष्कर्ष
एलडीपी (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) को निचले सदन में अपनी 247 सीटों में से लगभग 50 सीटें खोने का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, कोमिटो की सीटों की संख्या 30 से कम जाने की भी संभावना है। गठबंधन को बहुमत के लिए जरूरी 233 सीटों से कम मिलने की उम्मीद है।
सर्वेक्षणों में यह भी देखा गया है कि एलडीपी संसद में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में बनी रहेगी, लेकिन उसे विपक्ष में दूसरे नंबर की पार्टी, संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीपीजे) से नुकसान उठाने की संभावना है। यह वही दल है जिसने 2009 में एलडीपी को सत्ता से बाहर किया था। अनुमान है कि सीडीपीजे लगभग 140 सीटें जीत सकती है।