गैलेरिया कारश्टाट काउफहोफ जो जर्मनी में बड़े डिपार्टमेंट स्टोर की चेन है। अपने बाकी बचे स्टोर में 52 स्टोर्स को बंद करने की योजना बना रही है। फिलहाल जर्मनी में 129 काउफहोफ स्टोर्स चल रहे हैं।जिनमें से 52 स्टोर्स को बंद करना चाहती है. कोरोना महामारी के कारण कई कंपनियों और कारोबारों के लिए मुश्किल पैदा हुई। काउफहोफ के भी बुरे दिन कोरोना काल में ही शुरू हुए।
जर्मनी के श्रम मंत्री हुबर्टस हाइल ने इसे जर्मनी के सिटी सेंटरों और स्टोर में कार्यरत कर्मचारियों के लिए बुरी खबर कहा है। कंपनी की केंद्रीय कार्य परिषद ने सोमवार को कहा कि अगर कंपनी की योजना के अनुसार स्टोर बंद हुए, तो 5,000 लोगों की नौकरी चली जायेगी।उधर कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कंपनी के प्रमुख मिगेल मुलेनबाख ने कहा है कि ऊर्जा की बढ़ती कीमत और ग्राहकों की घटती संख्या के कारण कंपनी को बहोत ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने पत्र में यह भी साफ कर दिया, कि स्टोर के नेटवर्क को कम किया जायेगा। और नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती की जायेगी।
तीन साल में दो बार मदद फिर भी नहीं संभल पाई
बीते वर्ष अक्टूबर में कंपनी को दिवालिया होने से बचाने के लिए राहत के उपायों का इस्तेमाल करना पड़ा थ।. इतना ही नहीं, पिछले तीन सालों के भीतर यह दूसरी बार हुआ जब कंपनी बचाने के राहत के उपाए करने पड़ पहली बार कंपनी को 2020 में सरकारी राहत के उपायों की शरण में जाना पड़ा था। उस समय देश में कोरोना वायरस के चलते पहली बार लॉकडाउन चल रहा था।
उस समय भी लगभग 40 स्टोर बंद किये गये थे, जिसके कारण करीब 4,000 लोगों की नौकरियां गईं थी। और कंपनी का लगभग 2 अरब यूरो का कर्ज रद्द कर दिया गया था।इतना सब करने के बावजूद भी कंपनी को नहीं संभाला जा सका। और इसके बाद 2021 में और फिर 2022 की शुरुआत में भी कंपनी ने सरकार से महामारी से राहत के लिए मदद मांगी थी।
ज्ञात हो की जर्मनी के सरकार ने कोरोना के समय में कंपनियों को बचाने और नौकरियों को बचाने के मकसद से इकोनॉमिक स्टेबिलाइजेशन फंड के जरिये कुलमिलाकर 68 करोड़ यूरो की मदद दी थी. जर्मनी के श्रम मंत्री
हुबर्टस हाइल ने टीवी चैनल एआरडी से सोमवार को कहा था कि वह गैलेरिया के कर्मचारियों के राहत के लिए कुछ उपाय करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था की सरकार एक ट्रांसफर कंपनी बनाने पर विचार कर रही है, जो की इस तरह अचानक निकाले गए किसी कंपनी के कर्मचारियों को दूसरी नौकरी के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
कंपनी का आगे क्या होगा ?
कंपनी का कहना है कि आर्थिक स्थितियों और स्थानीय कारणों को देखते हुए मकान मालिकों और सरकारी एजेंसियों से लंबे दौर की बातचीत के बाद भी जब इन स्टोर्स को बचाने के लिए कोई सकारात्मक नजरिया नहीं बन सका। उसके बाद इन्हें बंद करना ही एकमात्र उपाय रह गया है।
कंपनी ये कोशिश करेगी की बाकी 77 स्टोर्स को अगले तीन सालों में आधुनिकीकरण के तहत पूरी तरह से आधुनिक बनाया जायेगा, और सभी स्टोर्स को लोकल जरूरतों के अनुसार ढाला जायेगा. कंपनी की ये पूरी कोशिश होगी की तकरीबन 11,000 नौकरियों को सुरक्षित रखा जाये।