नेपाल में हिंसा के बाद हालात सामान्य, कर्फ्यू हटा। झड़प में दो की मौत, 100 से ज्यादा गिरफ्तार। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति व मीडिया हाउस पर हमला किया, सेना तैनात।
Nepal-Violence: नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। प्रशासन ने शनिवार सुबह काठमांडू के पूर्वी हिस्से में लगाया गया कर्फ्यू हटा लिया। शुक्रवार को राजशाही समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प के बाद हालात बिगड़ गए थे, जिसके चलते प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा था। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, जिससे राजधानी में तनावपूर्ण माहौल बन गया था।
हिंसा में दो की मौत
शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक स्थानीय टीवी चैनल के कैमरामैन भी शामिल थे। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने सेना को तैनात करने का फैसला लिया। नेपाल पुलिस के मुताबिक, हिंसा के दौरान 53 पुलिसकर्मी, 22 सशस्त्र पुलिस बल के जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए।
105 प्रदर्शनकारी हिरासत में, कई नेता गिरफ्तार
हिंसा और आगजनी में शामिल 105 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और केंद्रीय सदस्य रविंद्र मिश्रा भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शन के मुख्य आयोजक दुर्गा प्रसाई अभी भी फरार हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, वाहनों और मीडिया हाउस पर हमला किया, जिसमें 14 इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया और 9 वाहनों को पूरी तरह जला दिया गया।
मीडिया हाउस पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने कांतिपुर टेलीविजन और अन्नपूर्णा मीडिया हाउस पर भी हमला किया। सुरक्षाबलों ने हिंसा को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और संसद भवन की ओर बढ़ने लगे। प्रशासन के मुताबिक, यह प्रदर्शन पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थन में आयोजित किया गया था।
राजशाही की बहाली की मांग से भड़की हिंसा
नेपाल में 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही समाप्त कर देश को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था। हालांकि, राजशाही समर्थकों का एक गुट पिछले कुछ समय से देश में दोबारा राजतंत्र लागू करने की मांग कर रहा है। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने हाल ही में एक वीडियो संदेश जारी कर अपने समर्थकों से आंदोलन तेज करने की अपील की थी। इसके बाद 9 मार्च को समर्थकों ने उनके समर्थन में एक रैली भी निकाली थी, जिसके बाद विरोध प्रदर्शनों में उग्रता आ गई।