North-south Korea में तानाशाह! किम जोंग उन ने अपने संविधान में किया संशोधित, दक्षिण कोरिया को 'शत्रु राष्ट्र' का दिया करार

North-south Korea में तानाशाह! किम जोंग उन ने अपने संविधान में किया संशोधित, दक्षिण कोरिया को 'शत्रु राष्ट्र' का दिया करार
Last Updated: 17 अक्टूबर 2024

उत्तर कोरिया ने पहली बार दक्षिण कोरिया को शत्रु राष्ट्र के रूप में घोषित किया है। तानाशाह किम जोंग उन के आह्वान पर उत्तर कोरिया के संविधान में संशोधन किया गया है। उत्तर कोरिया ने उन सभी सड़कों और रेल संपर्कों को नष्ट कर दिया है, जो कभी उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया से जोड़ते थे। इस वर्ष जनवरी में किम जोंग उन ने एक भाषण में संवैधानिक बदलाव की मांग की थी।

World: उत्तर कोरिया ने अपने संविधान में संशोधन करते हुए दक्षिण कोरिया को पहली बार 'शत्रु राष्ट्र' के रूप में मान्यता दी है। इस संशोधन के लिए उत्तर कोरिया की संसद की बैठक पिछले हफ्ते दो दिन तक चली। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने जनवरी में दक्षिण कोरिया को अपने देश का मुख्य शत्रु घोषित करने का सुझाव दिया था।

दोनों देशों को जोड़ने वाली सड़कों को किया गया नष्ट

समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर कोरिया ने उन सड़कों और रेल संपर्क सुविधाओं को नष्ट कर दिया है, जो अब उपयोग में नहीं हैं और जो कभी उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया से जोड़ती थीं। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि दोनों देशों के बीच सड़क संपर्क को तोड़ना, दक्षिण कोरिया को स्पष्ट रूप से एक शत्रु राष्ट्र के रूप में परिभाषित करता है।

दक्षिण कोरिया की सेना ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज जारी किया, जिसमें उत्तर कोरियाई सैनिकों को दोनों देशों को जोड़ने वाली सड़कों और रेल मार्गों पर विस्फोट करते हुए देखा गया। यह घटनाक्रम कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव और सुरक्षा चिंताओं का एक नया उदाहरण है। उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इन विस्फोटों से दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और खराब हो सकते हैं।

इससे पहले दक्षिण कोरिया को दी थी चेतावनी

जनवरी में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक आक्रामक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने दक्षिण कोरिया को कड़ी चेतावनी दी थी। किम जोंग उन ने कहा था कि अगर दक्षिण कोरिया उनकी जमीन, वायु, या जल क्षेत्र का 0.001 मिमी भी अतिक्रमण करेगा, तो इसका परिणाम युद्ध के रूप में होगा। इस भाषण में किम ने स्पष्ट रूप से दक्षिण कोरिया के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अपनी सैन्य नीतियों को मजबूत करने की बात की थी।

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