PM Modi और Donald Trump की मुलाकात, क्या टैरिफ और डिपोर्टेशन पर निकलेगा समाधान?

PM Modi और Donald Trump की मुलाकात, क्या टैरिफ और डिपोर्टेशन पर निकलेगा समाधान?
अंतिम अपडेट: 6 घंटा पहले

पीएम मोदी अमेरिका पहुंचे, जहां वे राष्ट्रपति ट्रंप से व्यापार, डिपोर्टेशन और टैरिफ मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मोदी की कोशिश टैरिफ वॉर रोकने और भारतीय प्रवासियों के डिपोर्टेशन प्रक्रिया में सुधार लाने की होगी।

Modi-Trump Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम (भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह) अमेरिका पहुंचे। वाशिंगटन डीसी के एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद, वे ब्लेयर हाउस पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने उनसे मुलाकात की। पीएम मोदी ने अमेरिका की इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की। हालांकि, इस दो दिवसीय यात्रा का असली उद्देश्य गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करना है, जो कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है।

ट्रंप से मुलाकात में उठ सकते हैं ये अहम मुद्दे

मोदी और ट्रंप की बैठक में व्यापार और रक्षा सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। हालांकि, भारत के लिए सबसे जरूरी दो मुद्दे डिपोर्टेशन और टैरिफ हैं। सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी अपने 'जिद्दी' मित्र ट्रंप को इन मुद्दों पर मनाने में सफल होंगे? यह देखना दिलचस्प होगा।

डिपोर्टेशन पर भारत की चिंता

हाल ही में अमेरिका ने 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को अमृतसर डिपोर्ट किया। खास बात यह रही कि इन्हें अमेरिकी सैन्य विमान से हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर भारत भेजा गया। भारत में इस अमानवीय व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। संसद में भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि डिपोर्टेशन अपनी जगह सही है, लेकिन इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।

क्या ट्रंप मानेंगे भारतीयों के डिपोर्टेशन पर आपत्ति?

पीएम मोदी से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मुद्दे को ट्रंप के सामने रखेंगे, लेकिन ट्रंप के रुख को देखते हुए यह इतना आसान नहीं लगता। सत्ता में वापसी के बाद से ही ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने को प्राथमिकता दी है। अमेरिका ने पहले भी प्रवासियों को डिपोर्ट किया है, लेकिन इस बार जिस तरह सैन्य विमान का उपयोग किया गया और बेड़ियों में बांधकर उन्हें भेजा गया, वह असाधारण था।

संभावना है कि भारत इस प्रक्रिया को अधिक सम्मानजनक बनाने के लिए अमेरिका से बातचीत करे। एक विकल्प यह हो सकता है कि डिपोर्ट किए जाने वाले भारतीयों को लाने के लिए भारत खुद फ्लाइट की व्यवस्था करे। यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे पर कोई सहमति बनती है या नहीं।

टैरिफ विवाद: भारत को ट्रंप से मनाने की जरूरत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं। चीन पर भी 10% टैरिफ लगाया गया है। भारत पर अभी तक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है, लेकिन ट्रंप भारत को 'टैरिफ किंग' कह चुके हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत में अधिक टैरिफ लगता है, जबकि अमेरिकी बाजार भारतीय उत्पादों के लिए अधिक खुला है।

क्या भारत टैरिफ वॉर से बच पाएगा?

पीएम मोदी की कोशिश होगी कि भारत-अमेरिका व्यापार पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। इसलिए वे ट्रंप को मनाने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि, ट्रंप आसानी से मानने वालों में नहीं हैं। संभावना है कि भारत को भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कुछ रियायतें देनी पड़ सकती हैं।

मोदी-ट्रंप बैठक: क्या निकलेगा नतीजा?

दोनों नेताओं के बीच बैठक में ये मुद्दे कितने प्रभावी तरीके से उठते हैं और ट्रंप का रवैया कैसा रहता है, यह देखना दिलचस्प होगा। अगर भारत इन मुद्दों पर कोई रियायत हासिल कर पाता है तो यह मोदी सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। वहीं, अगर ट्रंप अपने फैसलों पर अडिग रहते हैं, तो भारत को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है।

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