प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका की महत्वपूर्ण यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान भारत और श्रीलंका के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े फैसले हो सकते हैं।
नई दिल्ली: भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच एक रक्षा समझौता होने की संभावना है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और सामरिक संबंधों को मजबूत करेगा। इसके साथ ही ऊर्जा, स्वास्थ्य और डिजिटलीकरण जैसे कई क्षेत्रों में भी समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद हैं।
पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। इस यात्रा से दोनों देशों को आपसी सहयोग के नए रास्ते तलाशने का अवसर मिलेगा।
रक्षा क्षेत्र में नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रक्षा समझौता होगा। भारत और श्रीलंका के बीच यह पहला रक्षा समझौता होगा, जो दोनों देशों के सामरिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। दिसंबर 2024 में श्रीलंकाई राष्ट्रपति अरुणा कुमार दिस्सानायके की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते की रूपरेखा तय की गई थी।
रक्षा सहयोग में नौसेना के क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास और श्रीलंकाई सैनिकों के लिए भारतीय सेना का प्रशिक्षण प्रमुख बिंदु होंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि इस समझौते से दोनों देशों की सामरिक ताकत को मजबूती मिलेगी।
ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी पर फोकस
रक्षा के अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी कई योजनाओं पर चर्चा होगी। भारत, श्रीलंका में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर कई परियोजनाओं में मदद कर रहा है। कोलंबो में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिस्सानायके संयुक्त रूप से 'संपूर सौर ऊर्जा परियोजना' का उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना से श्रीलंका में बिजली की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।
डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए भी दोनों देश एक समझौता कर सकते हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत श्रीलंका में नई परियोजनाओं को भी समर्थन देगा।
निवेश और कर्ज पुनर्गठन पर भी होगी चर्चा
भारत श्रीलंका में निवेश को बढ़ावा देने और कर्ज पुनर्गठन समझौतों को अंतिम रूप देने पर भी जोर देगा। भारत पहले से ही ऑफिशियल क्रेडिटर्स कमेटी के सह-अध्यक्ष के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। दोनों देश कर्ज पुनर्गठन के तहत नए वित्तीय सहयोग पर भी चर्चा करेंगे।
सांस्कृतिक संबंधों को भी मिलेगा बढ़ावा
भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक रिश्ते बेहद पुराने हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से इन सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी नई दिशा मिलेगी। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी प्रस्तावित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी 4 अप्रैल की शाम को कोलंबो पहुंचेंगे। 5 अप्रैल को वे श्रीलंकाई राष्ट्रपति के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे और विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अन्य राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-श्रीलंका संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग से दोनों देशों के आपसी संबंध और प्रगाढ़ होंगे। यह यात्रा श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगी।