Russia: रूस ने परमाणु परीक्षण को लेकर अमेरिका को दी खुली धमकी, जानें क्या रही उसकी प्रतिक्रिया?

Russia: रूस ने परमाणु परीक्षण को लेकर अमेरिका को दी खुली धमकी, जानें क्या रही उसकी प्रतिक्रिया?
Last Updated: 16 घंटा पहले

अमेरिका डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है, जिससे रूस ने खुली धमकी दी है। रूस ने कहा कि उसके पास भी सभी विकल्प खुले हैं। दोनों देशों के पास दुनिया के 88% परमाणु बम हैं।

World News: डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है, जिससे रूस ने चेतावनी दी है। रूस ने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है तो वह अपने विकल्प खुले रखेगा। यह संभावित परमाणु परीक्षण 80 साल बाद दो प्रमुख परमाणु शक्तियों के बीच हो सकता है, जो 1945 में न्यू मैक्सिको में हुए पहले परमाणु परीक्षण के बाद एक नई परमाणु दौड़ को जन्म दे सकता है।

रूस का चेतावनी भरा बयान

रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है, तो मॉस्को भी इसी तरह के कदम पर विचार करेगा। रयाबकोव ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस के पास सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति के बारे में भी चिंता जताई।

अमेरिका ने परमाणु परीक्षण पर की थी चर्चा

2020 में वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया था कि ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए 1992 के बाद पहले परमाणु परीक्षण पर चर्चा की थी। रूस के अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर कड़ा रुख अपनाया था और अगर अमेरिका इस दिशा में कदम बढ़ाता है तो रूस भी उसी रास्ते पर चल सकता है।

रूस ने 2023 में की CTBT से बाहर निकलने की घोषणा

2023 में, रूस ने औपचारिक रूप से व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) से बाहर निकलने की घोषणा की। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा उठाया गया था, जिन्होंने इस संधि से रूस को बाहर करने के निर्णय को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों पर निशाना साधा था। रूस ने 1996 में CTBT पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसे 2000 में ही रद्द कर दिया था, जबकि अमेरिका ने कभी इस संधि को पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं किया।

अमेरिका और रूस के पास दुनिया के 88% परमाणु हथियार

रूस और अमेरिका के पास दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 88% हिस्सा है। रूस के पास 5,580 परमाणु वारहेड हैं, जबकि अमेरिका के पास 5,044। चीन के पास 500 से कम परमाणु हथियार हैं। हथियार नियंत्रण विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका नए हथियार विकसित करने के उद्देश्य से परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है, जिससे रूस और चीन को भी संदेश दिया जा सकता है।

संपूर्ण इतिहास में परमाणु परीक्षण

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, 1945 से 1996 तक पांच दशकों में दुनिया भर में 2,000 से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए थे। इनमें से सबसे अधिक परीक्षण अमेरिका ने किए थे, जबकि सोवियत संघ ने 715 परमाणु परीक्षण किए थे। 1990 के बाद से रूस ने कोई नया परमाणु परीक्षण नहीं किया। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद, केवल कुछ देशों ने ही परमाणु परीक्षण किए हैं, जिनमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया शामिल हैं।

अंतिम परमाणु परीक्षण

अंतिम परमाणु परीक्षण 2017 में उत्तर कोरिया द्वारा किया गया था। इसके अलावा, 1998 में भारत और पाकिस्तान ने भी परमाणु परीक्षण किए थे। इस तरह, 1990 के बाद से परमाणु परीक्षण में गिरावट आई है, लेकिन अब अमेरिका और रूस के बीच फिर से परमाणु परीक्षण की होड़ बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।

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