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Russia-Ukraine War: शांति समझौते में यूक्रेन का बंटवारा! ट्रंप दूत का बड़ा बयान

Russia-Ukraine War: शांति समझौते में यूक्रेन का बंटवारा! ट्रंप दूत का बड़ा बयान
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

ट्रंप के दूत जनरल केलॉग ने Russia-Ukraine युद्ध रोकने के लिए जर्मनी जैसे मॉडल पर यूक्रेन के बंटवारे का प्रस्ताव रखा, जिससे डीनिप्रो नदी नई सीमा बन सकती है।

Ukraine Crisis: Russia-Ukraine युद्ध पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump के विशेष दूत जनरल कीथ केलॉग ने एक ऐसा Peace Plan सामने रखा है, जिसने global politics में हलचल मचा दी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि अगर शांति समझौता होता है, तो यूक्रेन को दूसरे विश्व युद्ध के बाद के जर्मनी की तरह बांटा जा सकता है। इस योजना के तहत Ukraine का पश्चिमी हिस्सा NATO Allies जैसे ब्रिटेन और फ्रांस के नियंत्रण में हो सकता है, जबकि पूर्वी हिस्सा Russia के पास रहेगा।

Dnipro River बनेगी नई सीमा, बनेगा 18 मील चौड़ा DMZ

General Kellogg के मुताबिक Dnipro नदी को Natural Border बनाया जाएगा। इसके पश्चिम में फ्रांस और UK की सेनाएं तैनात होंगी। रूस और यूक्रेन के बीच 18 मील चौड़ा "Demilitarized Zone" (DMZ) तैयार किया जाएगा, जिसकी निगरानी आसान होगी और यह future conflict को रोकने में मदद करेगा। DMZ के पीछे Ukrainian Army तैनात रहेगी।

अमेरिका नहीं भेजेगा Troops

General Kellogg ने साफ किया कि अमेरिका इस योजना के तहत अपने troops यूक्रेन नहीं भेजेगा। उन्होंने Berlin Wall के बाद के जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा, "जैसे WWII के बाद बर्लिन को चार हिस्सों में बांटा गया था, वैसे ही यूक्रेन को भी temporarily divide किया जा सकता है peace के लिए।"

Russia की आपत्ति तय

हालांकि यह प्रस्ताव ground पर लागू कर पाना आसान नहीं होगा। Russian Foreign Minister Sergey Lavrov पहले ही कह चुके हैं कि Kremlin किसी भी हालत में NATO शांति सेना को यूक्रेन में तैनात होते नहीं देखना चाहता। ऐसे में DMZ या Western Forces की तैनाती को Moscow एक "major provocation" मान सकता है।

Ukraine की sovereignty पर सवाल

इस proposal के बाद यूरोप में भी तनाव बढ़ गया है। कई geopolitical analysts का मानना है कि इससे Ukraine की territorial integrity को खतरा हो सकता है। केलॉग ने बाद में X (पूर्व में Twitter) पर कहा कि उनकी योजना किसी तरह से Ukraine को divide करने की नहीं है, बल्कि वह एक practical ceasefire solution की बात कर रहे हैं जो ground reality के अनुकूल हो।

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