दो साल से अधिक समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के और भी भयानक होने की आशंका जताई जा रही है। हाल ही में, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने रूस की सहायता के लिए हजारों सैनिकों को भेज दिया है। इस बात का दावा दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसियों ने किया है।
Russia-Ukrain: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। इस दौरान किसी भी देश ने इस संघर्ष में निर्णायक बढ़त नहीं बनाई है। एक तरफ, पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, अब रूस को युद्ध में महत्वपूर्ण सहायता मिल गई है।
दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने रूस की मदद के लिए यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में हजारों सैनिकों को भेजा है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग के बीच मुलाकात हुई थी, जिसके दौरान दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।
रूस की सहायता के लिए भेजे सैनिक
दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के युद्ध में रूस की मदद के लिए 12,000 सैनिक भेजे हैं। दक्षिण कोरिया की योनहाप न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को इस जानकारी को साझा किया। समाचार एजेंसी ने राष्ट्रीय खुफिया सेवा (NIS) के इनपुट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर कोरियाई सैनिक पहले ही रूस की सहायता के लिए रवाना हो चुके हैं। हालांकि, NIS ने अभी इस खबर की पुष्टि नहीं की है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने की आपातकालीन बैठक
उत्तर कोरिया द्वारा रूस की सहायता के लिए सैनिक भेजे जाने के मुद्दे पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने एक आपातकालीन बैठक आयोजित की है। राष्ट्रपति यून सूक येओल के कार्यालय ने जानकारी दी है कि उन्होंने इस बैठक की अध्यक्षता की। इस समय तक, सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा सैनिक भेजे जाने की खबर को सत्यापित किया है या नहीं।
ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को प्रदान करेगा टैंक
ऑस्ट्रेलिया ने अपने 49 पुराने एम1ए1 अब्राम्स टैंकों को यूक्रेन को देने की घोषणा की है। रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने बताया कि यूक्रेन ने कुछ महीने पहले इन टैंकों की मांग की थी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार अपने अधिकांश अमेरिका निर्मित एम1ए1 टैंकों को यूक्रेन को सौंप रही है, जिनकी कुल कीमत 24 करोड़ 50 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (16 करोड़ 30 लाख अमेरिकी डॉलर) है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया में इन टैंकों की जगह 75 अगली पीढ़ी के एम1ए2 टैंकों का बेड़ा लेगा।