सीरिया में विद्रोहियों ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जिसके बाद 24 वर्षों से सत्ता पर काबिज बशर अल असद का शासन समाप्त हो गया। विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया, और इसके परिणामस्वरूप बशर अल असद और उनका परिवार देश छोड़ने के लिए मजबूर हो गए।
Syria News: सीरिया में विद्रोही गुटों ने बशर अल असद के परिवार के 50 साल पुराने शासन को समाप्त कर दिया है। 24 साल तक सत्ता में रहे बशर अल असद को अपने परिवार के साथ सीरिया छोड़ना पड़ा, और विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क समेत कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया। यह केवल असद की हार नहीं, बल्कि उनके सहयोगी देशों रूस और ईरान के लिए भी एक बड़ी शिकस्त है।
बशर अल असद का सत्ता पर कब्जा
सीरिया में अलावी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बशर अल असद ने 24 साल तक देश की कमान संभाली, जबकि उनके पिता हाफिज अल असद ने 30 वर्षों तक सीरिया पर शासन किया। इस दौरान, असद परिवार का शासन खून-खराबे और अत्याचार से भरा हुआ था, जिससे सीरिया की आम जनता में असंतोष फैल गया। असद परिवार के सत्ता में रहने के बावजूद सीरिया में सुन्नी बहुल आबादी थी, जबकि सत्ता अलावी समुदाय के पास थी। यह असंतोष समय के साथ बढ़ता गया, और अंत में विद्रोह का कारण बना।
"असद अब तुम्हारी बारी है" विद्रोहियों का नारा
2011 में मध्य-पूर्वी देशों जैसे ट्यूनीशिया, मिस्र और लीबिया में सरकारों के पतन ने सीरिया की जनता को भी प्रभावित किया। सीरिया के दारा शहर में छात्रों द्वारा "असद अब तुम्हारी बारी है" का नारा लिखने से विद्रोह की चिंगारी भड़की। सरकार ने इसका जवाब सेना भेजकर दिया, और इस दौरान कई छात्रों पर अत्याचार किए गए। इस घटना ने पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ा दी और विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार के अत्याचारों को और बढ़ावा दिया।
सरकार के खिलाफ विद्रोह
जैसे-जैसे सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ा, असद ने अपनी दमनकारी नीति जारी रखी। 1982 में उनके पिता हाफिज अल असद ने हामा में मुस्लिम ब्रदरहुड के विद्रोह को दबाने के लिए कड़ा कदम उठाया था, जिसमें 40 हजार लोग मारे गए थे। बशर अल असद ने भी अपने पिता की रणनीति को अपनाया, और सेना का इस्तेमाल कर विरोधियों को दबाने की कोशिश की। हालांकि, यह रणनीति असफल रही और विद्रोहियों का जाल फैलने लगा। सीरिया में भ्रष्टाचार, आर्थिक कुप्रबंधन और असद सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए। कुछ ही समय में देश में विभिन्न सशस्त्र विद्रोही गुटों का गठन हुआ।
2011 में विद्रोह का प्रसार
2011 में सीरिया में शुरू हुए गृह युद्ध के करीब एक दशक बाद, हयात तहरीर अल शाम (HTS) ने अलेप्पो पर हमला कर उसे अपने कब्जे में लिया। इसके बाद, विद्रोहियों ने होम्स, हामा और दमिश्क पर भी कब्जा किया। जब दमिश्क पर विद्रोही गुटों ने हमला किया, तब बशर अल असद और उनका परिवार देश छोड़कर भाग गए। अब विद्रोही गुटों का सीरिया में प्रमुख स्थान है।
विद्रोही गुटों की ताकत
सीरिया में कई सशस्त्र विद्रोही गुटों की मौजूदगी रही है, जिनमें आईएसआईएल, फ्री सीरियन आर्मी, सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज, और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह प्रमुख हैं। इन गुटों ने अपनी ताकत का विस्तार किया और असद सरकार के खिलाफ संघर्ष किया। हयात तहरीर अल शाम (HTS) गुट ने सीरिया के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर नियंत्रण किया, और अब यह गुट विद्रोहियों का एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है।
असद का परिवार भागने पर मजबूर
बशर अल असद के परिवार के सीरिया से भागने के बाद, देशभर में विद्रोही गुटों की जीत पर जश्न का माहौल है। विद्रोही गुट अब एक नई सरकार के गठन की ओर बढ़ रहे हैं। इस बीच, इराक ने अपनी सीमा को बंद कर दी है, और इजरायल ने गोलान हाइट्स में सेना की तैनाती बढ़ा दी है। सीरिया के भीतर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और एक नया राजनीतिक दौर शुरू होने वाला है। विद्रोहियों की विजय को लेकर उत्साह और आशंका दोनों ही मौजूद हैं।
सीरिया का भविष्य
असद का शासन अब खत्म हो चुका है और देश में एक नया नेतृत्व उभर रहा है। अब यह देखना होगा कि विद्रोही गुट सीरिया के राजनीतिक परिदृश्य को किस दिशा में लेकर जाते हैं। सीरिया की आम जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदें इस नए राजनीतिक बदलाव से जुड़ी हुई हैं, जबकि भविष्य में आने वाली चुनौतियाँ भी सामने होंगी।