US Elections: कमला हैरिस का फोकस भारतीय-अमेरिकी वोटरों पर, 7 महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स पर नजर

US Elections: कमला हैरिस का फोकस भारतीय-अमेरिकी वोटरों पर, 7 महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स पर नजर
Last Updated: 2 घंटा पहले

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नजदीक आने के साथ ही भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने कमला हैरिस के लिए अपना मजबूत समर्थन प्रकट किया है। अगर हैरिस जीत जाती हैं, तो यह भारतीय मूल की पहली महिला होगी जो व्हाइट हाउस की शीर्ष पद तक पहुंच सकेगी।

Washington: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अब तेजी से पास रहा है, और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस, जो भारतीय और जमैकाई माता-पिता की बेटी हैं, भारतीय-अमेरिकी समुदाय से मजबूत समर्थन की उम्मीद कर रही हैं। खासकर, कई महत्वपूर्ण 'बैटलग्राउंड' माने जाने वाले राज्यों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय हैरिस को समर्थन देने के लिए एकजुट नजर रहा है।

यह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि उनकी मूल की नेता व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल हैं, जो इस समुदाय को अमेरिकी राजनीतिक परिदृश्य में एक मजबूत स्थान दिलाती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ जॉर्जिया के जनरल सेक्रेटरी डॉ. वासुदेव पटेल ने कहा, "यह एक गर्व का क्षण है कि भारतीय मूल की एक महिला नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भाग ले रही हैं।"

दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय

कमला हैरिस को अगस्त में डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए नामित किए जाने के बाद, कई भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई समूह उनके समर्थन में एकत्रित हुए हैं। इनमें उनके लिए धन जुटाने का कार्य भी शामिल है। अमेरिका में लगभग 52 लाख भारतीय-अमेरिकी निवास करते हैं, जो कि दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं। इनमें से लगभग 23 लाख लोगों के पास मतदान का अधिकार है। 2024 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 55 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी स्वयं को डेमोक्रेट के रूप में पहचानते हैं, जबकि 26 प्रतिशत रिपब्लिकन हैं।

मतदाताओं का मूड: एक सर्वेक्षण की रोशनी में

इस महीने कार्नेगी एंडाउमेंट द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि 61 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी रजिस्टर्ड मतदाता कमला हैरिस को वोट देने के लिए तैयार हैं, जबकि 32 प्रतिशत ट्रंप के पक्ष में हैं। इस सर्वे में यह भी बताया गया कि 67 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी महिलाएं हैरिस का समर्थन कर रही हैं, जबकि पुरुषों में यह संख्या 53 प्रतिशत है।

वहीं, दूसरी ओर, 22 प्रतिशत महिलाएं ट्रंप को वोट देने की इच्छा रखती हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 39 प्रतिशत है। चुनाव में अब सात दिन से भी कम का समय शेष है, और हैरिस तथा ट्रंप के बीच अधिकांश स्विंग स्टेट्स में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। इस सप्ताह के अंत में किए गए सीएनएन के सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत संभावित मतदाता हैरिस का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उतने ही लोग ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स/सीना कॉलेज के सर्वे में भी दोनों उम्मीदवारों का आंकड़ा 48 प्रतिशत पर बराबरी पर है। इस बीच, 4 प्रतिशत मतदाता अभी भी अपने वोट के लिए मन नहीं बना पाए हैं।

7 महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स

चुनावी नतीजों में प्रभाव डालने वाले सात प्रमुख स्विंग स्टेट्स हैं - जॉर्जिया, मिशिगन, एरिजोना, पेंसिलवेनिया, नॉर्थ कैरोलिना, विस्कॉन्सिन, और नेवादा। इन राज्यों के पास सबसे अधिक इलेक्टोरल मत हैं। यहां के मतदाताओं का मूड हमेशा परिवर्तनशील रहता है, और इन राज्यों में चुनावी रुझान को समझना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। यहां के मतदाता हर बार नए रुख अपनाते हैं, जिससे इन्हें स्विंग स्टेट्स कहा जाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में अमेरिका का सबसे बड़ा स्विंग स्टेट पेंसिल्वेनिया है, जहां 19 इलेक्टोरल वोट्स हैं। इस राज्य में जीत हासिल करने के लिए कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी मेहनत की है। दोनों उम्मीदवारों से जुड़े प्रचार समूहों ने सितंबर से अब तक इस राज्य में टीवी और रेडियो प्रचार पर 13.8 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च किए हैं।

क्या हैं अमेरिका में स्विंग स्टेट्स का महत्व? 

अमेरिका के चुनावों में स्विंग स्टेट्स का एक विशेष ऐतिहासिक महत्व है। चुनाव के दिन, लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनते हैं, लेकिन उनके वोट सीधे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करते। इसके बजाय, मतदाता इलेक्टोरल कॉलेज के चुनाव में भाग लेते हैं, जिसमें इलेक्टर्स होते हैं।

हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या उस पार्टी के प्रतिनिधियों की संख्या के बराबर होती है, जो अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा में होती है। उदाहरण के लिए, अगर मिशिगन से सीनेट में सांसदों की संख्या 4 है, तो उस राज्य में इलेक्टर्स की संख्या भी चार होगी। ये इलेक्टर्स सीधे तौर पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देते हैं।

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