उत्तर कोरिया ने मिसाइल हमले तेज किए:कौन है? किम जोंग उन के निशाने पर,

उत्तर कोरिया ने मिसाइल हमले तेज किए:कौन है? किम जोंग उन के निशाने पर,
Last Updated: 06 अप्रैल 2023

उत्तर कोरिया ने पिछले कुछ दिनों में दक्षिण कोरिया और जापान के नज़दीक लगातार मिसाइल हमले किए हैं.

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागी है.

इस मिसाइल को दुनिया के दूसरे कोने पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए बनाया गया है. लेकिन योनहाप समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि लगता है कि उड़ान के बीच में यह मिसाइल विफल हो गई.

उत्तर कोरिया ने इस साल सातवीं बार आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया है. इस प्रक्षेपण के बाद चिंता इस बात की है कि उत्तर कोरिया जल्द ही

एक परमाणु हथियार का परीक्षण कर सकता है.

एक दिन पहले ही दोनों कोरियाई देशों ने मिसाइलें दागी थीं जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है.

उत्तर कोरिया ने इससे पहले बुधवार को दक्षिण कोरिया की ओर 23 मिसाइलें दागी थीं. इनमें से एक मिसाइल दक्षिण कोरियाई जल सीमा से कुछ दूर आकर भी गिरी थी.

इसके जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी लड़ाकू विमानों से हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलें उत्तर कोरिया की ओर दागी थीं

सैन्य अभ्यास का जवाब

अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पिछले दो महीनों से अलग-अलग और साथ में बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास कर रहे हैं.

उत्तर कोरिया ने अपने दुश्मनों को तनाव बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है और कहा है कि उनके मिसाइल एक स्पष्ट चेतावनी हैं कि उन्हें रुक जाना चाहिए.

उत्तर कोरिया अमेरिकी सैन्य अभ्यास के बाद पहले भी इस तरह के हमले कर चुका है.

सैन्य अभ्यास करनेवाले देशों का मानना है कि इसका मक़सद ये दिखाना है कि वो उत्तर कोरिया के परमाणु हमले के लिए तैयार हैं.

लेकिन, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ऐसे अभ्यासों के लिए अलग नज़रिया रखते हैं.

वो इसे अपने दुश्मनों की हमले की तैयारी के तौर पर देखते हैं. इसी वजह से उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार बनाने शुरू किए ताकि वो ख़ुद को हमले से बचा सके.

लेकिन, उत्तर कोरिया का एकमात्र मक़सद अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को डराना नहीं है.

एक और कारण ये भी बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया और ज़्यादा हथियारों के परीक्षण के लिए ज़मीन तैयार कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया कोई परमाणु परीक्षण या लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है.

हथियारों का परीक्षण

उत्तर कोरिया अपनी मिसाइलों को अब भी पूरी तरह से तैयार नहीं कर पाया है.

मिसाइल को हवा में छोड़ने के बाद उसके टुकड़े अलग होकर एक 'री-एंट्री व्हीकल' में धरती पर गिरते हैं. लेकिन, उन्हें लक्ष्य तक पहुंचने से पहले पृथ्वी के वातावरण में मौजूद गर्मी और दबाव को सहना पड़ता है.

पहले के परीक्षणों में उत्तर कोरिया के 'री-एंट्री व्हीकल' असफ़ल हो गए थे. ऐसे में देश को इस तकनीक का बार-बार परीक्षण करना होगा.

गुरुवार को हुए परीक्षण से पता लगता है कि मिसाइल दो हज़ार किमी. तक ऊपर गई और फिर तेज़ी से नीचे आई. ये संभावना है कि ये लंबी दूरी की मिसाइल के परीक्षण के लिए किया गया था. ये जापान के ऊपर से नहीं उड़ी थी.

अगर ये परीक्षण भी असफल हुआ होगा तो उत्तर कोरिया को अभी और प्रयास करने की ज़रूरत होगी.

परीक्षण के लिए राजनीतिक कारण

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के पूर्व सलाहकार किम जोंग-डे ने कहा कि इस बात को लेकर चिंतित होना चाहिए कि उत्तर कोरिया अब कितना अग्रसर हो गया है.

उन्होंने कहा कि पहले उत्तर कोरिया जवाबी कार्रवाई के लिए अमेरिकी सेनाओं के सैन्य अभ्यास ख़त्म करने का इंतज़ार करता था. लेकिन, इस बार उन्होंने अभ्यास के दौरान ही समुद्र में हमला कर दिया.

अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सरकारें मानती हैं कि उत्तर कोरिया के सातवें परमाणु परीक्षण की तैयारियां पूरी हो गई हैं और वो बस एक राजनीतिक मौके का इंतज़ार कर रहा है.

अब उत्तर कोरिया के लिए एक बेहतरीन मौका सामने भी आ रहा है. चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस पूरी हो चुकी है और अमेरिका में मध्यावधि चुनाव आ रहे हैं.

जापान पर हमला

उत्तर कोरिया ने एक ही दिन में इतनी सारी मिसाइलें तब दागी हैं जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया अपने अब तक के सबसे बड़े संयुक्त हवाई अभ्यास का आयोजन कर रहे हैं.

उत्तर कोरिया ने इस संयुक्त अभ्यास को "आक्रामक और भड़काऊ " कह कर कड़ी आलोचना की है.

उत्तर कोरिया ने कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें भी दागी हैं. इसके बाद जापान ने अपने नागरिकों के लिए 'जे वॉर्निंग' जारी की है.

ये चेतावनी बेहद दुर्लभ मौकों पर जारी की जाती है. जापान ने अपने कुछ इलाक़ों में नागरिकों को घरों या भूमिगत बंकरों में छिपने की सलाह दी है.

शुरुआत में जापान ने कहा था कि ये मिसाइल जापान के ऊपर से उड़ी है, लेकिन बाद में रक्षा मंत्री यासूकाज़ू हमाका ने बताया कि मिसाइल ने जापान को पार नहीं

किया और वो समुद्र के ऊपर ही कहीं गुम हो गई.

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