यूपी न्यूज़: स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी का किया गठन, नई पार्टी का नाम और झंडा लॉन्च किया

यूपी न्यूज़: स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी का किया गठन, नई पार्टी का नाम और झंडा लॉन्च किया
Last Updated: 27 फरवरी 2024

यूपी न्यूज़: स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी का किया गठन, नई पार्टी का नाम और झंडा लॉन्च किया 

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सपा और अखिलेश यादव से पूरी तरह अलग हो गए हैं। उन्होंने नई पार्टी का गठन कर लिया है। जिसका नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा। गठन की गई पार्टी का झंडा भी लॉन्च कर दिया है। बताया गया कि 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली को सम्बोधित करेंगे। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के झंडे में नीला, लाल और हरे रंग की पट्टी के साथ मध्य में RSSP लिखा गया है।

सपा में उपेक्षा किये जाने का लगाया आरोप

subkuz.com को मिली जानकारी के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले कुछ दिनों में उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से 13 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा चुनाव के टिकट देने में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की उपेक्षा का आरोप लगाया था। बाद में उनका यह भी कहना था कि समाजवादी पार्टी के कई नेताओं के बयान देने से आहत हुए हैं। अखिलेश यादव को लिखे हुए पत्र में कहा था कि 'डॉ. बीआर अंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया सहित सामाजिक न्याय के पक्षधर व्यक्तियों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था' लेकिन, सपा इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है।

22 फरवरी को कर सकते है नई पार्टी की घोषणा

सूत्रों के अनुसार, स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी नई पार्टी की घोषणा 22 फरवरी को कर सकते है। कहा गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वे अपनी पार्टी को लेकर ही लड़ेंगे। साथ ही राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अमेठी पहुँचने पर उसमें ये भी शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य कांग्रेस से गठबंधन भी कर सकते हैं।

कैसे बने थे सपा के सदस्य :  स्वामी प्रसाद मौर्य

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा (बहुजन समाज पार्टी) से अपने राजनैतिक जीवन में कदम रखा था। बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फिर वे  2017 में विधानसभा इलेक्शन से पहले BJP में शामिल हो गए थे। बता दें, कि 2022 के विधानसभा इलेक्शन होने से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से अपना पासा बदला और सपा (समाजवादी पार्टी)  में शामिल हो गए थे। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव का पद भी हासिल किया।

बताया गया कि स्वामी प्रसाद मौर्य का सनातन, राम मंदिर और हिन्दू राम चरितमानस को लेकर सपा में ही उनका विवादित बयानबाजी से विरोघ होने लगा, जिसके कारण उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव के पद से त्यागपत्र दे दिया। 

 

 

 

 

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