Karnataka High Court: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को दी बड़ी राहत; गिरफ्तारी पर लगाई रोक, जानिए क्या है मामला

Karnataka High Court: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को दी बड़ी राहत; गिरफ्तारी पर लगाई रोक, जानिए क्या है मामला
Last Updated: 2 दिन पहले

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर अस्थायी रोक लगा दी। यह गिरफ्तारी वारंट रॉबिन उथप्पा के खिलाफ भविष्य निधि (पीएफ) धोखाधड़ी मामले में जारी किया गया था। 

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने दिया, जिसके बाद उथप्पा को अंतरिम राहत प्राप्त हुई।

रॉबिन उथप्पा ने गिरफ्तारी वारंट और संबंधित वसूली नोटिस को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। बेंगलुरू पुलिस ने 21 दिसंबर को क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त के निर्देशों के आधार पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इस मामले में सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स में निदेशक के रूप में उथप्पा की पूर्व भूमिका से जुड़े बकाया राशि की वसूली की मांग की जा रही थी।

क्या है पूरा मामला?

पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर मामला सामने आया है। आरोपों के अनुसार, कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ अंशदान तो काट लिया था, लेकिन उसे संबंधित प्राधिकृत संस्थाओं को जमा करने में विफल रही, जिसके कारण 23.36 लाख रुपये का बकाया जमा हो गया। उथप्पा ने 2018 से मई 2020 तक कंपनी में निदेशक के रूप में कार्य किया था।

सुनवाई के दौरान, उथप्पा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने तर्क दिया कि उथप्पा कंपनी के संस्थापक कृष्णदास थंडनंद हवड़े के साथ अपने समझौते के अनुसार कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में शामिल नहीं थे। नवदगी ने यह भी कहा कि ईपीएफ अधिनियम के तहत उथप्पा को "नियोक्ता" के रूप में जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता हैं।

उथप्पा की कानूनी टीम ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने 2020 में आधिकारिक तौर पर अपने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अधिकारियों को अपनी छुट्टी की सूचना दी थी। इसके अलावा, उन्होंने कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की थी, जिसमें कंपनी द्वारा दिए गए ऋण का भुगतान न करने का मामला उठाया गया था।

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