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RCB पर मंडराया संकट: बेंगलुरु भगदड़ पर बढ़ी जांच, सरकार और कोर्ट सख्त

RCB पर मंडराया संकट: बेंगलुरु भगदड़ पर बढ़ी जांच, सरकार और कोर्ट सख्त

RCB की विजय परेड के दौरान बेंगलुरु में भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 47 घायल हुए। सरकार और कोर्ट ने मामले की जांच शुरू कर दी है, KSCA और RCB मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहे हैं।

RCB Victory Parade: आईपीएल 2024 की जीत का जश्न अब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ की घटना में 11 लोगों की जान चली गई और 47 लोग घायल हुए। अब RCB मैनेजमेंट, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और आयोजन से जुड़े अधिकारियों की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच हो रही है। कोर्ट और राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है।

सोशल मीडिया पोस्ट बनी शक के घेरे में

RCB मैनेजमेंट की सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट अब जांच के केंद्र में आ गई है। 4 जून को दोपहर 3:14 बजे RCB के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से एक पोस्ट किया गया, जिसमें शाम 5 बजे से शुरू होने वाली "विक्ट्री परेड" और उसके बाद स्टेडियम में होने वाले सम्मान समारोह की जानकारी दी गई थी।

पोस्ट में यह भी बताया गया था कि समारोह में शामिल होने के लिए मुफ्त पास वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, और प्रशंसकों को पुलिस दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की गई थी। लेकिन इतनी कम समय में इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल साबित हुआ।

KSCA की भूमिका भी संदेह में

जांच अधिकारियों के अनुसार, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के वरिष्ठ सदस्यों की इस आयोजन की योजना में भूमिका रही है। अब बेंगलुरु पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच पैनल इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि क्या आयोजन की सूचना समय पर दी गई थी और क्या सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। सरकारी वकील ने हाई कोर्ट में यह आरोप लगाया है कि आयोजकों ने भीड़ प्रबंधन को लेकर लापरवाही बरती, जिससे यह त्रासदी हुई।

सरकार ने आयोजन से पहले दी थी चेतावनी

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने साफ कहा कि राज्य सरकार ने RCB को इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि न तो RCB फ्रेंचाइज़ी और न ही KSCA ने सरकार से औपचारिक अनुमति मांगी थी।

गृह मंत्री के अनुसार, “सरकार ने सिर्फ यह सोचा कि शहर की टीम ने जीत हासिल की है तो हमें खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए। लेकिन परेड की योजना RCB और KSCA ने अपने स्तर पर बनाई थी।”

कोर्ट में हो रही है विस्तृत सुनवाई

इस घटना को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जहां सरकारी पक्ष ने जोर देकर कहा है कि आयोजकों ने भीड़ नियंत्रण में भारी लापरवाही की। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में सभी पक्षों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट आने तक सरकार ने किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है, लेकिन संकेत दिए हैं कि लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

पीड़ित परिवारों के लिए सरकार करेगी सहायता

गृह मंत्री ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कहा, “11 निर्दोष लोगों की जान गई, यह बेहद दुखद है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि पीड़ित परिवारों को यह आघात सहने की शक्ति मिले। सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

प्रशंसकों की सुरक्षा पर उठे सवाल

RCB के प्रशंसक इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित थे, लेकिन भीड़ का आंकलन और सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी साबित हुई। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने आयोजकों की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती।

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