Cyclone Fengal: चक्रवात ‘फेंगल’ ने मचाई भयंकर तबाही, तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से बच्चे सहित 7 लोग मलबे में दबे, भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौत

Cyclone Fengal: चक्रवात ‘फेंगल’ ने मचाई भयंकर तबाही, तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से बच्चे सहित 7 लोग मलबे में दबे, भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौत
Last Updated: 2 दिन पहले

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलई जिले में एक भूस्खलन (लैंडस्लाइड) हुआ, जिसमें एक पहाड़ी की निचली ढलान पर स्थित इमारत चपेट में आ गई। इस हादसे में दो परिवारों के सात लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।

नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान फेंगल का असर दक्षिण भारत में लगातार महसूस किया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने केरल के चार जिलों मलाप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, और कन्नूर में आज बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे भारी वर्षा और तूफान की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में समुद्र में उफान और तेज़ हवाओं के साथ अत्यधिक बारिश हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता हैं।

इसके अलावा, IMD ने आंध्र प्रदेश में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। खासकर काकीनाडा और अन्य जिलों के साथ-साथ दक्षिण तटीय क्षेत्र के नेल्लोर में भी भारी वर्षा हो सकती हैं।

पुडुचेरी में भारी बारिश

चक्रवात फेंगल के कारण पुडुचेरी में शनिवार और रविवार को हुई भारी बारिश ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। चक्रवात 'फेंगल' शनिवार को पुडुचेरी के पास पहुंचा और रविवार को कमजोर पड़ गया, लेकिन इसके प्रभाव से केंद्र-शासित प्रदेश में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बाढ़ग्रस्त सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना को राहत कार्य में शामिल किया गया।

पड़ोसी तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में भी बारिश और बाढ़ ने भारी नुकसान किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस बारिश को 'अभूतपूर्व' करार दिया। अधिकारियों के अनुसार, चेन्नई हवाई अड्डे पर परिचालन आधी रात के बाद फिर से शुरू हुआ, लेकिन शुरुआत में कई उड़ानें रद्द कर दी गईं और कई विमानों ने देरी से उड़ान भरी।

भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौत

चक्रवात फेंगल के कारण पुडुचेरी और तमिलनाडु में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शनिवार से अब तक, श्रीलंका और भारत में कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 15 श्रीलंका और 3 चेन्नई में हुई हैं। प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं, और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा हैं।

पुडुचेरी में यह तूफान तीन दशकों बाद प्रकृति का ऐसा बड़ा कहर लाया है, जिससे क्षेत्र की मुख्य सड़कें और मार्ग जलमग्न हो गए हैं, और दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेतों में फसलें भारी बारिश से प्रभावित हुई हैं, और परिवहन सेवाएं भी ठप हो गईं हैं। कई स्वयंसेवी संगठनों, जैसे पांडिचेरी हेरिटेज राउंड टेबल 167 ने राहत शिविरों में लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार की सहायता की हैं।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और बचाव दलों के समन्वित प्रयासों से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया है। जीवा नगर और अन्य संवेदनशील इलाकों में लोग राहत पहुंचाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।

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