दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार ने एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित की है, जो प्रदूषण से प्रभावित लोगों का इलाज करेंगी। वहीं, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में ऑड-ईवन नियम लागू करने के संकेत दिए हैं। इस नियम के तहत सड़क पर केवल वैकल्पिक दिन (ऑड और ईवन तारीखों) को ही वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जाती है, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
नई दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों में वृद्धि हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे सांस रोगों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें गठित करें। इसके साथ ही, ओपीडी और आईपीडी में आने वाले सांस के मरीजों की रोजाना की रिपोर्ट पर्यावरणीय और व्यवसायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीओईएच) को भेजी जाएगी।
यदि सांस के मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो अस्पतालों को तुरंत अलर्ट जारी करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, ई-संजीवनी एप के माध्यम से भी सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को टेलीकंसल्टेशन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे, ताकि मरीजों को समय पर सही इलाज मिल सके।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जल्द लागू हो सकता है ऑड-ईवन
दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए दिल्ली सरकार जल्द ही ऑड-ईवन नियम लागू करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संकेत दिए हैं कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार नहीं होता, तो यह कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता में कहा कि सरकार विशेषज्ञों की सलाह और वर्तमान स्थिति के आधार पर इस नियम को फिर से लागू करने का अंतिम निर्णय लेगी।
इसके साथ ही, घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) के उपायों को लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। गोपाल राय ने कहा कि स्थिति गंभीर है, और सरकार जल्द ही इस पर भी निर्णय लेगी।
कृत्रिम वर्षा का भी जिक्र
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कृत्रिम वर्षा की संभावना का फिर से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें प्रदूषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभागों के साथ आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।
गोपाल राय ने पीएम मोदी से कहा...
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों की सांसों पर संकट मंडरा रहा है, और इस स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री को दिल्ली के लोगों की परेशानी के समाधान के लिए निर्देश देना चाहिए। राय ने कहा कि विशेष रूप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, और यह स्थिति अत्यंत गंभीर है।
राय ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता रविवार से "गंभीर प्लस" श्रेणी में बनी हुई है, और एक्यूआई रीडिंग लगातार 450 के ऊपर बनी हुई है, जो सांस लेने के लिए बेहद खतरनाक है।
ग्रेप-4 के तहत वाहनों पर लगा दिए प्रतिबंध
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार प्रदूषण कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और प्रतिबंधों के प्रभाव का विश्लेषण किया जा रहा है।
यदि विश्लेषण सकारात्मक परिणाम दिखाता है, तो सरकार इसके आधार पर आगे के कदम उठाएगी। राय ने वर्तमान स्थिति को मेडिकल इमरजेंसी बताते हुए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
उत्तर भारत में बढ़ता प्रदूषण और कृत्रिम वर्षा की आवश्यकता
गोपाल राय ने यह भी कहा कि उत्तर भारत के कई राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और बिहार में प्रदूषण गंभीर रूप से बढ़ा है और आसमान पर स्माग की चादर फैली हुई है। विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि इस स्थिति से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा करवानी पड़ सकती है।
इसके साथ ही राय ने केंद्र सरकार पर दिल्ली की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस गंभीर समस्या पर तुरंत कदम उठाना चाहिए।