Floods and Landslides in Nepal: नेपाल में बाढ़ ने मचाई भयंकर तबाही, लैंडस्लाइड से अब तक 170 लोगों की मौत; पढ़ें पूरी खबर

Floods and Landslides in Nepal: नेपाल में बाढ़ ने मचाई भयंकर तबाही, लैंडस्लाइड से अब तक 170 लोगों की मौत; पढ़ें पूरी खबर
Last Updated: 30 सितंबर 2024

नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश से प्रभावित इलाकों में अब तक 170 लोगों की मौत की खबरें आई हैं, और कई लोग लापता हैं। बाढ़ और भूस्खलन ने सड़कों, पुलों और घरों को काफी नुकसान पहुंचाया है, जिससे कई इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैं।

काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से स्थिति गंभीर होती जा रही है। अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है, जबकि 42 लोग अभी भी लापता हैं। शुक्रवार से नेपाल के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ ने बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ और भूस्खलन से सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं और कई लोग विस्थापित हो गए हैं।

गृह मंत्रालय और पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश और कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण राहत कार्यों में चुनौतियां आ रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बढ़ से कई नेशनल हाइवे हुए पूरी तरह बंद

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति बेहद गंभीर है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने जानकारी दी है कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में अब तक 111 लोग घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं। नेपाली सेना ने हवाई मार्ग से अब तक 162 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जबकि लगभग 4,000 लोगों को नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल ने बचाया है। बचाए गए लोगों को राहत शिविरों में रखा जा रहा है, जहां उन्हें खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

हालांकि, भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे कई सैकड़ों लोग विभिन्न मार्गों पर फंसे हुए हैं। त्रिभुवन राजमार्ग, जो काठमांडू को अन्य जिलों से जोड़ता है, पर यातायात पुनः शुरू कर दिया गया है, लेकिन अन्य मुख्य मार्गों को साफ करने के प्रयास अभी भी जारी हैं। अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन ने अब तक नेपाल में 322 घर और 16 पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए सरकार और राहत एजेंसियां हर संभव कदम उठा रही हैं, लेकिन लगातार खराब मौसम से चुनौतियां बढ़ी हुई हैं।

40 साल बाद देखी ऐसी बाढ़

काठमांडू घाटी में आई विनाशकारी बाढ़ और जलभराव ने लोगों को चौंका दिया है, और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पिछले 40-45 वर्षों में उन्होंने ऐसी बाढ़ नहीं देखी। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) के जलवायु एवं पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ ने इस बाढ़ को अभूतपूर्व बताया है। आईसीआईएमओडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को मूसलाधार बारिश के बाद खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई हैं।

बाढ़ का एक मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव की स्थिति और मानसून की तीव्रता को माना जा रहा है, जिसने असाधारण रूप से मूसलाधार बारिश को जन्म दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में वर्षा के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही, मानव गतिविधियों, जैसे अनियोजित शहरीकरण और अवैज्ञानिक निर्माण, ने बाढ़ के प्रभाव को और बढ़ा दिया है। इन गतिविधियों के कारण जल निकासी प्रणाली बाधित हो जाती है, जिससे बाढ़ की तीव्रता बढ़ जाती हैं।

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