उत्तराखंड में मानसून की बारिश जारी है। आज कुमाऊं में संभावित खतरनाक बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। रविवार और सोमवार को कुमाऊं मंडल के तीन जिलों में अत्यंत भारी बारिश के आसार हैं।
देहरादून: प्रदेशभर में मानसून सक्रिय बना हुआ है। बताया गया हैं कि रविवार को कुमाऊं मंडल के चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है, जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा में कहीं-कहीं दो-तीन घंटे भारी बारिश हो सकती है, इसलिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। देहरादून समेत प्रदेश के अन्य जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है, जिसके लिए पीली चेतावनी जारी की गई हैं।
उमस और गर्मी से हो रहा हाल बेहाल
पर्वतीय जिलों में अब तक अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है। चमोली और रुद्रप्रयाग के ऊंचाई वाले क्षेत्रों को छोड़कर निचले क्षेत्रों में बारिश कम हुई है, जिससे उमस और गर्मी बढ़ गई है। केदारनाथ, मनसूना, गुप्तकाशी, बदरीनाथ, गोविंदघाट, जोशीमठ और थराली जैसे क्षेत्रों में बारिश पर्याप्त हो रही है, लेकिन निचले क्षेत्रों में पिछले दस दिनों में एक-दो बार ही थोड़ी देर के लिए बारिश हुई है। देहरादून जिले में शनिवार को पूरे दिन बारिश नहीं हुई, जिससे अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से क्रमशः चार और एक डिग्री सेल्सियस अधिक हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि रविवार और सोमवार को कुमाऊं मंडल के तीन जिलों में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट है। बाकी जिलों में भी मध्यम से तेज बारिश के एक से अधिक दौर होने की संभावना हैं।
डीएम ने प्रशासन को किया अलर्ट
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार ने शनिवार को यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। चंपावत, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर, अल्मोड़ा और पौड़ी जिलों में भारी बारिश के मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए शासन सक्रिय हो गया है। सभी संबंधित जिलों के डीएम से फोन पर बातचीत कर अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए। उन्होंने रिहायशी इलाकों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति के तहत काम करने को भी कहां हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव सुमन ने जलभराव वाले क्षेत्रों की पहचान कर पानी को नाले या नदी की तरफ मोड़ने के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह जंगल की आग से निपटने के लिए फायर लाइन बनाई जाती है, उसी तरह जलभराव और पानी को आबादी की तरफ आने से रोकने के लिए वाटर लाइन बनाई जाए। नालों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने को भी कहा गया। मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत सभी जिलों को सोमवार तक 10-10 करोड़ की राशि मिल जाएगी। ऊधम सिंह नगर जिले में आपदा प्रभावितों को रिकॉर्ड समय में राहत राशि वितरित करने पर जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों की सराहना की।
बदरीनाथ हाईवे हुआ बंद
चमोली में रात से जारी बारिश रविवार सुबह थम गई। यहां बादलों के बीच हल्की धूप निकली है। बदरीनाथ हाईवे गुलाब कोटी और सेलंग में मलबा-पत्थर आने के कारण बंद है। यात्री पड़ावों पर हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। बदरीनाथ हाईवे पागलनाला में खोल दिया गया है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में मौसम साफ है। शनिवार रात को कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार देर रात 3:00 बजे से बंद था, जिसे करीब 10 घंटे बाद पैदल कांवड़ यात्रियों के लिए खोला गया। इसके बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बिशनपुर के पास यातायात के लिए सुचारू किया गया।
बता दें करीब दो हजार कांवड़ यात्री रविवार सुबह से राजमार्ग खुलने का इंतजार कर रहे थे। इस स्थान पर पैदल आवाजाही भी पूरी तरह से बंद रही। भटवाड़ी ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ने बीआरओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीआरओ ने मार्ग बंद होने की स्थिति में इसे खोलने के लिए अच्छी मशीनें नहीं रखी हैं। छोटी मशीन होने के कारण मलबा समय से नहीं हटाया गया।