IPS Tanu Shree Success Story: रिटायर डीआइजी की बेटी ने आयकर विभाग की नौकरी छोड़ी, UPSC में सफलता हासिल कर बनीं आईपीएस अफसर

IPS Tanu Shree Success Story: रिटायर डीआइजी की बेटी ने आयकर विभाग की नौकरी छोड़ी, UPSC में सफलता हासिल कर बनीं आईपीएस अफसर
Last Updated: 3 घंटा पहले

IPS Tanu Shree: किसी ने ठीक ही कहा है, “खुदी को कर बुलंद इतना, खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है?” यह शेर तनु श्री की जीवन यात्रा को पूरी तरह से दर्शाता है। झाझा के रिटायर डीआइजी की बेटी तनु श्री ने सरकारी नौकरी की राह पर चलते हुए एक नया मुकाम हासिल किया है। वे न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।

तनु श्री की प्रेरक यात्रा

तनु श्री ने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए कठिन रास्ते का चुनाव किया था। उनका सपना था कि वे एक दिन आईपीएस अफसर बनें, और उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने 2014 में आरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर अपनी शुरुआत की। इसके बाद आयकर विभाग की परीक्षा में सफलता प्राप्त की, लेकिन उन्होंने इस पद को छोड़ दिया। उनका सपना कहीं और था, और उन्होंने अपनी किस्मत को यूपीएससी की दिशा में मोड़ लिया।

आईपीएस कैडर तक का सफर

तनु श्री ने अपनी यूपीएससी की तैयारी 2016 में शुरू की थी और 2017 में उनका परिणाम आया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें आईपीएस कैडर में स्थान दिलवाया। इस सफलता के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। वे अपनी मेहनत और संघर्ष के कारण आज आईपीएस अफसर बन चुकी हैं और वर्तमान में एसपी एसआईए कश्मीर के पद पर तैनात हैं।

परिवार का समर्थन और प्रेरणा

तनु श्री ने अपने माता-पिता से ही मार्गदर्शन प्राप्त किया। उनके पिता सुबोध कुमार और मां नीलम प्रसाद ने हमेशा उनका हौंसला बढ़ाया। वे हमेशा यह कहते थे कि संघर्ष से ही सफलता मिलती है। तनु श्री के लिए उनके परिवार के सदस्य और विशेष रूप से उनकी बड़ी बहन, मनु श्री, जो सीआरपीएफ की कमांडेंट हैं, प्रेरणा का स्त्रोत रही हैं। तनु श्री का कहना है कि बड़ी बहन के पुलिस की वर्दी में देखकर उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने की प्रेरणा मिली थी।

शादी और घर की जिम्मेदारियां

तनु श्री की शादी 2015 में हुई थी और वे घर का कामकाज संभालते हुए अपनी यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। उनका कहना है कि परिवार के समर्थन से ही वे अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए भी अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर पाईं। उनके पति और परिवार के अन्य सदस्य भी उनके संघर्ष के गवाह रहे हैं और हमेशा उनका हौंसला बढ़ाते रहे।

शिक्षा और तैयारी का सफर

तनु श्री की प्रारंभिक शिक्षा मोतिहारी से हुई थी, और इसके बाद वे जहाँ भी अपने पिता के ट्रांसफर के कारण गईं, वहां विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से अपनी पढ़ाई पूरी की। प्लस टू की पढ़ाई बोकारो के डीजीपीएस से करने के बाद, उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में कोचिंग के साथ-साथ उन्होंने सेल्फ स्टडी पर भी विशेष ध्यान दिया। उनका मानना था कि मेहनत और समर्पण से ही सफलता हासिल की जा सकती हैं।

सीआरपीएफ कमांडेंट बहन का समर्थन

तनु श्री के लिए उनकी बड़ी बहन मनु श्री का भी बहुत बड़ा योगदान था। मनु श्री ने सीआरपीएफ में कमांडेंट की भूमिका निभाते हुए तनु को हमेशा प्रोत्साहित किया। तनु श्री का कहना है कि उनकी बहन की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

तनु श्री का संदेश

तनु श्री का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सफलता हासिल करना मुश्किल नहीं है, यदि उसके पास सही मार्गदर्शन और दृढ़ नायक हो। उनका यह भी कहना है कि हर व्यक्ति को अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।

तनु श्री की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपने बड़े होते हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कठिनाइयों से जूझना पड़ता है। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि यदि कोई ठान ले, तो वह अपनी मेहनत और संकल्प से किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। तनु श्री की सफलता न केवल उनकी खुद की, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का एक स्रोत हैं।

इस प्रेरक कहानी को पढ़कर यह स्पष्ट होता है कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को सच कर सकता है। तनु श्री ने यह साबित किया है कि यदि किसी के इरादे मजबूत हों, तो सफलता जरूर मिलती हैं।

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