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NEET PG में पारदर्शिता पर उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को करेगा सुनवाई

NEET PG में पारदर्शिता पर उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को करेगा सुनवाई

NEET PG परीक्षा की पारदर्शिता पर सुप्रीम कोर्ट 3 अगस्त को सुनवाई करेगा। याचिका में Answer Key, Evaluation System और Rechecking की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है।

Education: NEET PG परीक्षा को लेकर एक बार फिर देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। परीक्षार्थियों की ओर से परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर उठाए गए सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम निर्णय लिया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 3 अगस्त 2025 की तारीख तय की है। यह सुनवाई नीट पीजी परीक्षा में मूल्यांकन प्रणाली, आंसर-की की सार्वजनिक घोषणा और उम्मीदवारों को पारदर्शी सूचना देने के मुद्दों पर केंद्रित होगी।

याचिका में क्या हैं प्रमुख मांगें

वकील तन्वी दुबे की ओर से दायर याचिका में परीक्षा के मूल्यांकन सिस्टम की अपारदर्शिता को गंभीर चिंता बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) द्वारा आयोजित नीट-पीजी परीक्षा में उम्मीदवारों को आंसर-की और प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए। इससे यह नहीं पता चल पा रहा कि उम्मीदवारों ने किन प्रश्नों के उत्तर सही दिए और उन्हें कितने अंक मिले।

प्रश्न पत्र और आंसर-की सार्वजनिक करने की मांग

याचिकाकर्ताओं की प्रमुख मांग यह है कि सभी अभ्यर्थियों को उनके उत्तर पुस्तिका के साथ प्रश्न पत्र (Evaluation System) और आधिकारिक आंसर-की (Answer Key) भी उपलब्ध कराई जाए। इससे यह स्पष्ट होगा कि मूल्यांकन में कोई त्रुटि नहीं हुई है। इसके साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई है कि गलत प्रश्नों और उत्तरों की पहचान कर उन्हें सार्वजनिक रूप से बताया जाए।

पुनर्मूल्यांकन का विकल्प देने की भी मांग

अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि किसी अभ्यर्थी को अपने अंकों को लेकर संदेह है, तो उसे पुनर्मूल्यांकन का विकल्प मिलना चाहिए। वर्तमान व्यवस्था में कोई अभ्यर्थी अपने उत्तरों को चुनौती नहीं दे सकता और यह पारदर्शिता की गंभीर कमी है। याचिका में मांग की गई है कि ऐसी प्रक्रिया लागू की जाए जिससे छात्र उत्तर या मूल्यांकन से असंतुष्ट होने पर शिकायत कर सकें।

फ्यूचर एग्जाम्स के लिए पारदर्शी सिस्टम की अपील

याचिकाकर्ताओं ने सिर्फ मौजूदा परीक्षा ही नहीं, बल्कि भविष्य की नीट पीजी परीक्षाओं के लिए भी एक स्थायी पारदर्शी मूल्यांकन प्रणाली लागू करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस समय लागू व्यवस्था से न केवल अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन हो रहा है, बल्कि परीक्षा की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।

न्यायालय की टिप्पणी और अगली सुनवाई की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया शामिल हैं, ने इस मुद्दे पर संक्षिप्त सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता को स्वीकार किया। पीठ ने मामले को आगामी 3 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। अब इस दिन कोर्ट यह तय करेगा कि क्या NBE को निर्देश दिए जाने चाहिए कि वह मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं और आंसर-की आदि की सार्वजनिक घोषणा करे।

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