आईपीएल 2025 की तैयारियों के तहत बीसीसीआई द्वारा रिटेंशन नीति में बदलाव की चर्चा हो रही है। अगर सभी टीमों को पांच खिलाड़ी रिटेन करने की अनुमति दी जाती है, तो इससे फ्रेंचाइजी को राइट टू मैच (RTM) विकल्प का लाभ नहीं मिलेगा।
स्पोर्ट्स न्यूज़: बीसीसीआई का आगामी आईपीएल सत्र के लिए फ्रेंचाइजियों को पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति देने का निर्णय, टीमों के लिए एक बड़ा मौका है। यदि यह नियम लागू होता है, तो टीमों को अपने महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को बनाए रखने में आसानी होगी। उदाहरण के लिए, मुंबई इंडियंस जैसे प्रमुख फ्रेंचाइजी हार्दिक पांड्या, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव जैसे अपने कोर खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं, जो उनकी टीम की ताकत और प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने में मदद करेगा।
हालांकि, राइट टू मैच (RTM) विकल्प की अनुपस्थिति, टीमों के लिए एक चुनौती भी हो सकती है, क्योंकि इससे वे उन खिलाड़ियों को फिर से नीलाम नहीं कर सकेंगी जिन्हें वे छोड़ने का निर्णय लेती हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि टीमें कितने विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन कर सकेंगी, जो फ्रेंचाइजी की रणनीति को प्रभावित करेगा। विदेशी खिलाड़ियों की संख्या पर निर्णय लेना सभी टीमों के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह उनकी टीम संतुलन और प्रदर्शन में सीधा प्रभाव डालेगा।
BCCI सभी टीमों को पांच खिलाड़ी रिटेन करने की दे सकता है अनुमति
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई मुख्यालय में हाल ही में हुई बैठक में सभी 10 फ्रेंचाइजियों के साथ खिलाड़ियों के रिटेंशन पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। इस बैठक में अधिकांश फ्रेंचाइजियां पांच से छह खिलाड़ियों को रिटेन करने के पक्ष में थीं, जो यह दर्शाता है कि टीमों के लिए अपने कोर खिलाड़ियों को बनाए रखना प्राथमिकता है। इस संदर्भ में, यह संभावना जताई जा रही है कि बीसीसीआई आगामी आईपीएल सत्र के लिए पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति देने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यदि यह नीति लागू होती है, तो इससे फ्रेंचाइजियों को अपनी टीमों की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
रिटेन खिलाडी की ब्रांड वेल्यू रहेगी बरक़रार
फ्रेंचाइजी का मानना है कि पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने से उनकी ब्रांड वैल्यू भी बरकरार रहेगी। इस तरह की नीति उन्हें अपने प्रमुख खिलाड़ियों को बनाए रखने और एक मजबूत टीम संरचना बनाने में मदद करेगी, जिससे वे प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकें। 2022 से पहले, फ्रेंचाइजियों को अधिकतम चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति थी, जिसमें अधिकतम तीन भारतीय और एक या दो विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन किया जा सकता था। अब, यदि बीसीसीआई पांच खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति देता है, तो यह न केवल टीमों को अधिक लचीलापन देगा, बल्कि उन्हें अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को बनाए रखने का एक और अवसर भी प्रदान करेगा।
इससे टीमों की ब्रांड पहचान मजबूत होगी, क्योंकि उनके समर्थकों और प्रशंसकों के लिए पसंदीदा खिलाड़ियों का बने रहना एक महत्वपूर्ण पहलू होता है। इसके अलावा, इससे दर्शकों में फ्रेंचाइजी के प्रति जुड़ाव भी बढ़ सकता है, जो अंततः उनकी मार्केटिंग और व्यवसायिक रणनीतियों को और मजबूत करेगा।