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Hockey: वंदना कटारिया ने अंतरराष्ट्रीय करियर को कहा अलविदा, जानें इनका योगदान

Hockey: वंदना कटारिया ने अंतरराष्ट्रीय करियर को कहा अलविदा, जानें इनका योगदान
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

भारतीय महिला हॉकी टीम की दिग्गज खिलाड़ी वंदना कटारिया ने आज इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 15 वर्षों तक भारतीय हॉकी को अपनी सेवाएं देने वाली कटारिया ने कहा कि वह अपने करियर के शिखर पर खेल को अलविदा कह रही हैं।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत की महिला हॉकी टीम की सबसे अधिक मैच खेलने वाली खिलाड़ी, वंदना कटारिया, ने अपने शानदार 15 वर्षों के अंतरराष्ट्रीय करियर को समाप्त करने का ऐलान किया है। 32 वर्षीय अनुभवी स्ट्राइकर ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि यह निर्णय उनके लिए "कड़वा-मीठा" और "सशक्त बनाने वाला" था। वंदना ने 320 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 158 गोल किए, जिनमें से कई महत्वपूर्ण गोल भारतीय हॉकी इतिहास का हिस्सा बन गए।

कैसा रहा वंदना कटारिया का करियर?

वंदना कटारिया, जो 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक चौथे स्थान की टीम का हिस्सा थीं, अपने करियर में कई अहम उपलब्धियों की मालिक रही हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "यह एक ऐसा फैसला है जिसे मैं गर्व के साथ और एक आत्मविश्वास के साथ ले रही हूं। मैं इसलिए नहीं संन्यास ले रही हूं कि मेरी क्षमता खत्म हो गई, बल्कि मैं अपने चरम पर खेल से विदा लेना चाहती हूं।"

वंदना ने अपने करियर के अहम क्षणों को याद करते हुए कहा, "टोक्यो ओलंपिक के उस मैच के बारे में सोचते हुए आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक बनाना मेरे लिए खास था, लेकिन उससे भी ज़्यादा यह साबित करना था कि हम इस मंच के हकदार हैं।" वंदना कटारिया ने 2009 में भारतीय सीनियर हॉकी टीम में डेब्यू किया था और तब से लेकर अब तक उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने भारतीय महिला हॉकी टीम को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई।

वंदना ने जीते कई पुरस्कार 

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने वंदना कटारिया के योगदान को सराहा और उन्हें भारतीय आक्रमण की धड़कन बताया। उन्होंने कहा, "वंदना का योगदान केवल गोल करने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनकी मौजूदगी ने भारतीय टीम को कई मैचों में जीत दिलाई। उनका खेल और नेतृत्व भावी पीढ़ियों के लिए एक आदर्श होगा।"

वंदना कटारिया के इस अविस्मरणीय सफर के दौरान उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने 2016 और 2023 में महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी, 2022 में FIH हॉकी महिला राष्ट्र कप और 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीते।

वह अब भी महिला हॉकी इंडिया लीग में खेलती रहेंगी और इस खेल के प्रति अपनी भावनाओं को ज़िंदा रखकर युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी। उन्होंने कहा, "मैं हॉकी छोड़ नहीं रही हूं, बल्कि मैं लीग खेलते हुए इस खेल को और ऊंचाइयों तक पहुंचाऊंगी। मेरा जुनून कभी खत्म नहीं होगा।"

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