भारत ने ब्राजील के फोड डू इगुआकू में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल छह पदक अपने नाम किए। इस अभियान में सबसे बड़ी उपलब्धि हितेश द्वारा जीता गया स्वर्ण पदक रहा, जिसने भारत के लिए गौरव का क्षण बनाया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत ने विश्व मुक्केबाजी कप (World Boxing Cup) 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 6 पदकों के साथ अपना अभियान समाप्त किया। इस टूर्नामेंट में हितेश ने 70 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर इतिहास रच दिया। वह विश्व मुक्केबाजी कप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बॉक्सर बन गए हैं।
हितेश का ऐतिहासिक स्वर्ण पदक
हितेश को फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के ओडेल कामारा के चोटिल होने के कारण वॉकओवर मिला। शनिवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में कामारा रिंग में नहीं उतर सके, जिससे हितेश को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। टूर्नामेंट से पहले ब्राज़ील में आयोजित 10 दिवसीय तैयारी शिविर ने हितेश की मानसिक और रणनीतिक तैयारी में बड़ी भूमिका निभाई।
हितेश ने कहा, इस ट्रेनिंग कैंप से मुझे प्रतियोगिता से पहले कई रणनीतिक बारीकियाँ सीखने को मिलीं। यह मेरे करियर का बेहद खास अनुभव रहा और मुझे खुशी है कि मैं भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत सका।
अविनाश जामवाल को रजत पदक
अविनाश जामवाल ने 65 किग्रा वर्ग में फाइनल मुकाबला खेला। उन्होंने मेज़बान ब्राज़ील के यूरी रेइस (Yuri Reis) को कड़ी टक्कर दी, लेकिन कांटे की टक्कर में उन्हें रजत पदक (Silver Medal) से संतोष करना पड़ा।
चार मुक्केबाज़ों ने जीते कांस्य पदक
भारत के चार अन्य मुक्केबाजों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक (Bronze Medals) जीते:
1. जादुमणि सिंह मंदेंगबाम – 50 किग्रा
2. मनीष राठौड़ – 55 किग्रा
3. सचिन – 60 किग्रा
4. विशाल – 90 किग्रा
वैश्विक मंच पर भारत की दमदार शुरुआत
यह भारत की World Boxing द्वारा आयोजित किसी शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहली भागीदारी थी। पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद यह भारतीय टीम का पहला बड़ा टूर्नामेंट था, जिसमें 10 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया। इस मजबूत प्रदर्शन से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और अनुभव दोनों बढ़े हैं, जिससे वे 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारी बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
मुख्य बिंदु (Key Highlights)
भारत ने कुल 6 पदक जीते – 1 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य
हितेश विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने
भारत की टीम का वैश्विक मंच पर शानदार पदार्पण
भारत का यह प्रदर्शन न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय मुक्केबाजी अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रही है। हितेश और उनके साथियों ने यह साबित कर दिया कि भारत का युवा टैलेंट दुनिया के किसी भी मंच पर मुकाबला करने के लिए तैयार है।