Arshad Nadeem Struggle Story: गांव वालों ने चंदा जुटाकर भेजा पेरिस; अरशद ने गोल्ड जीतकर बढ़ाया सबका मान, पढ़ें गोल्ड मेडलिस्ट की प्रेरणादायक कहानी

Arshad Nadeem Struggle Story: गांव वालों ने चंदा जुटाकर भेजा पेरिस; अरशद ने गोल्ड जीतकर बढ़ाया सबका मान, पढ़ें गोल्ड मेडलिस्ट की प्रेरणादायक कहानी
Last Updated: 09 अगस्त 2024

Arshad Nadeem Struggle Story: गांव वालों ने चंदा जुटाकर भेजा पेरिस; अरशद ने गोल्ड जीतकर बढ़ाया सबका मान, पढ़ें गोल्ड मेडलिस्ट की प्रेरणादायक कहानी 

पाकिस्तान के खिलाडी अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 जेवलिन थ्रो फाइनल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीतकर एक नया रिकॉर्ड हासिल कर लिया हैं। नदीम का 92.97 मीटर का थ्रो ओलंपिक इतिहास का सबसे लंबा थ्रो हैं। वहीं भारत के खिलाडी नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल हासिल किया।

स्पोर्ट्स न्यूज़: पाकिस्तान के खिलाडी अरशद नदीम बीती रात एक नया मुकाम हासिल किया, जिसके बाद हर किसी की जुबां पर उनका नाम आ रहा है। अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ अपने गांव वालों का नाम भी रोशन कर दिया। सरशद ने ओलंपिक में गोल्ड जीतकर एक नायाब रिकॉर्ड हासिल किया है। उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक कर ओलंपिक इतिहास का सबसे लंबा थ्रो किया हैं। इससे पहले नॉर्ने के एथलीट थोरकिल्डसेन एंड्रियास ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान 90.57 मीटर का थ्रो किया था। अब यह रिकॉर्ड नदीम के नाम हो गया हैं।

कौन हैं अरशद नदीम?

पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडलिस्ट 27 साल के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं। अरशद के गोल्ड मेडल जीतने के बाद देश, गांव  हर जगह तारीफ तो हो रही है, लेकिन उनके जिंदगी के संघर्ष के बारे में लोगों को पता नहीं हैं। बता दें अरशद नदीम के पिता मुहाम्मद अशरफ खान मजदूरी करते हैं। उनके पास घर का खर्चा और नदीम की ट्रेनिंग का खर्च उठा सकें। नदीम को पेरिस ओलंपिक में भेजने के लिए उनके परिवार के सदस्य और पूरे गांव ने मिलकर उनकी ट्रेनिंग के लिए पैसे जमा किए।

अरशद के पिता मुहाम्मद अशरफ खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं कि अरशद इस मुकाम पर कैसे पहुंचा। किस तरह उनके गांव वालों ने उसके करियर की शुरुआत के लिए चंदा जुटाकर अलग-अलग जगह ट्रेनिंग और ट्रेवल करने में मदद की। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण अरशद को एक पुराने भाले से ट्रेनिंग करनी पड़ी। ये भाला पूरी तरह से खराब भी हो चुका था लेकिन कई साल से इंटरनेशनल लेवल का नया भाला नहीं खरीद सकें।

कैसा रहा अरशद का सफर?

पाकिस्तान के खिलाडी अरशद नदीम ने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंट के दौरान 86.62 मीटर दूर भाला फेंककर पांचवां स्थान हासिल किया। बता दें इससे पहले नदीम का करियर बेस्ट थ्रो 90.18 मीटर रहा था. इसलिए वह 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले वह पहले एशियाई खिलाडी बने थे। बताया गया है कि नदीम ने साल 2015 से भाला फेंक इवेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था और बेहद ही कम समय में उन्होंने दमदार अपनी छाप छोड़ दी।

बता दें साल 2016 में नदीम ने गुवाहाटी में साउथ एशियन गेम्स के दौरान 78.33 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्ड थ्रो के साथ पहला कांस्य पदक हासिल किया था. इसके बाद नदीम ने साल 2019 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स, दोहा, कतर में भी अपनी काबिलियत को साबित किया। स्कूल से लेकर आज ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट बनने तक कि नदीम की कहानी उनकी मेहनत और समपर्ण को दिखती हैं. तथा नदीम की कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।

 

 

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