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AI और ML से मनी लॉन्ड्रिंग पर लगेगी लगाम? RBI गवर्नर ने दी अहम सलाह

AI और ML से मनी लॉन्ड्रिंग पर लगेगी लगाम? RBI गवर्नर ने दी अहम सलाह
अंतिम अपडेट: 27-03-2025

मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तकनीक के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसे टूल्स मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी चेताया कि नियामकों को इस तकनीक का संतुलित तरीके से उपयोग करना चाहिए, ताकि वैध आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हों।

तकनीक से बढ़ा मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा

एक इवेंट को संबोधित करते हुए संजय मल्होत्रा ने कहा कि तकनीक ने बिजनेस संचालन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के तरीके भी पहले से ज्यादा एडवांस हो गए हैं। उन्होंने नियामकों से आग्रह किया कि वे अपने रिस्क असेसमेंट मॉडल को और बेहतर बनाएं और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए नए उपाय अपनाएं।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों को नवीनतम वित्तीय रुझानों को समझना चाहिए, क्योंकि अपराधी इन्हीं का फायदा उठाकर अवैध धन को सफेद करने के नए तरीके अपनाते हैं।

AI और ब्लॉकचेन से कैसे मिलेगी मदद?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नियामकों को उन नीतियों और फ्रेमवर्क पर काम करना चाहिए, जो संदिग्ध लेनदेन की पहचान पहले ही कर लें और तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि डेटा की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है, ताकि एआई और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का बेहतर उपयोग किया जा सके।

मल्होत्रा के अनुसार, "AI और मशीन लर्निंग से संदिग्ध गतिविधियों की जांच में मदद मिलेगी। इससे गलत लेनदेन को रोकने, झूठी सकारात्मकता (False Positives) और झूठी नकारात्मकता (False Negatives) को कम करने में सहायता मिलेगी।"

वैश्विक स्तर पर डिजिटल सुरक्षा की ओर बढ़ते कदम

RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि 2027 तक भारत, जी-20 रोडमैप के तहत इनक्लूसिव क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम को लागू करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियामकों को वित्तीय समावेशन में अनावश्यक बाधाएं नहीं डालनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "हमें अपराधों को रोकते समय ग्राहकों के अधिकारों और सुविधाओं का भी ध्यान रखना होगा। तकनीक का सही इस्तेमाल हमें सुरक्षित वित्तीय सिस्टम विकसित करने में मदद करेगा।"

RBI गवर्नर के इस बयान से साफ है कि आने वाले समय में भारत मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग से निपटने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल करेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि AI और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकें वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में कितना कारगर साबित होती हैं।

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