Nvidia CEO का खुलासा, भारत को AI हब बनाने का राज़, रिलायंस के साथ नई साझेदारी

Nvidia CEO का खुलासा, भारत को AI हब बनाने का राज़, रिलायंस के साथ नई साझेदारी
Last Updated: 27 अक्टूबर 2024

एनवीडिया AI समिट 2024 में जेन्सेन हुआंग ने भारत को AI हब बनाने का दिया नारा एनवीडिया AI समिट 2024 में कंपनी के संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भी भाग लिया। गुरुवार को जेन्सेन इस कार्यक्रम में शामिल हुए और भारत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से मुलाक़ात की और रिलायंस के साथ मिलकर भारत में AI इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए एक समझौता किया। इसके अलावा, उन्होंने भारत को AI हब बनाने का मंत्र भी दिया। जेन्सेन हुआंग की इस यात्रा से भारत में AI तकनीक को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। रिलायंस के साथ साझेदारी से भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में मदद मिलेगी और नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। AI हब बनाने के उनके नारे से भारत को AI के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र की वैश्विक कंपनी और चिप निर्माता Nvidia के CEO जेन्सेन हुआंग ने भारत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। वे Nvidia समिट के अवसर पर भारत आए थे। इस दौरान, उन्होंने भारत को AI हब में बदलने का एक विजन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही, उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।भारत के लिए खास AI मॉडल Nemotron-4-Mini-Hindi-4B भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का हब बनाने के लक्ष्य के साथ, एक नई कंपनी ने भारत के लिए एक खास AI मॉडल लॉन्च किया है। इस मॉडल का नाम Nemotron-4-Mini-Hindi-4B है। कंपनी का कहना है कि इस AI मॉडल का इस्तेमाल करके विभिन्न फर्म्स अपना खुद का AI मॉडल तैयार कर पाएंगी। इसके साथ ही, कंपनी के प्रतिनिधियों ने इंडिया टुडे से एक खास बातचीत में भारत को AI हब बनाने का मंत्र दिया। उन्होंने बताया कि यह मॉडल भारतीय भाषा और संस्कृति को समझने में सक्षम है, जिससे यह भारतीय कंपनियों और संस्थानों के लिए बेहद उपयोगी होगा।

भारत कैसे बनेगा AI हब?

 भारत में डेटा की कोई कमी नहीं है। हमारे पास लोग और संसाधन मौजूद हैं, बस ज़रूरत है तो सिर्फ़ बेहतर इंफ़्रास्ट्रक्चर की। हमें बाहर से AI लाने की ज़रूरत नहीं, बल्कि भारत में ही AI को विकसित करके उसे दुनिया को एक्सपोर्ट करने की ज़रूरत है। अगर हम AI के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हमें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे इंफ़्रास्ट्रक्चर में निवेश शक्तिशाली कंप्यूटिंग संसाधनों और उच्च गति इंटरनेट कनेक्टिविटी का विकास ज़रूरी है। शिक्षा और कौशल विकास AI से जुड़ी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा। अनुसंधान और विकास AI अनुसंधान में निवेश करके और AI स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करके भारत में AI को आगे बढ़ाया जा सकता है। नियमों और नीतियों का निर्माण AI के नैतिक इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए नियम और नीतियां बनाई जानी चाहिए। AI के क्षेत्र में भारत की असीम संभावनाएँ हैं। अगर हम इन संभावनाओं को साकार करते हैं, तो भारत दुनिया का AI हब बन सकता है।

रिलायंस के साथ हुई डील

जेंसन हुआंग ने भारत के लिए एक विशेष एआई मॉडल लॉन्च किया है। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से भी मुलाकात की। इस अवसर पर RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो अब दुनिया की सबसे बड़ी डेटा कंपनी बन गई है।Nvidia के संस्थापक और CEO जेन्सेन हुआंग ने घोषणा की है कि रिलायंस और Nvidia मिलकर भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहे हैं। यह साझेदारी भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

Nvidia के CEO का क्या कहना है?

हुआंग ने भारत के IT क्षेत्र की सराहना करते हुए कहा, "दुनिया में बहुत से देश ऐसे नहीं हैं, जहां कंप्यूटर विज्ञान और IT के क्षेत्र में इतने सारे प्रशिक्षित लोग मौजूद हैं।" उन्होंने आगे कहा, "यह एक अद्वितीय समय है, क्योंकि भारत के पास बड़ी संख्या में कंप्यूटर इंजीनियर हैं और इसकी जनसंख्या भी विशाल है। मैं मुकेश अंबानी के साथ इस साझेदारी पर काम करने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं।"

जेन्सेन के साथ बातचीत में मुकेश अंबानी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का लाभ प्रत्येक भारतीय तक पहुंचे और यह सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि Jio विश्व स्तर पर सबसे बड़ी डेटा कंपनी है, जो केवल 15 सेंट प्रति GB की दर पर डेटा प्रदान करती है, जबकि अमेरिका में यह लागत पांच डॉलर प्रति GB है। मुकेश अंबानी ने कहा कि जैसे Jio ने डेटा के क्षेत्र में एक क्रांति लाई, उसी तरह अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भी एक नई क्रांति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि AI का लाभ केवल हमारे मौजूदा फोन और कंप्यूटर पर ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि हर किसी तक पहुंचना चाहिए।

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