Pinaka rocket System: भारत में पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण! चीन-पाक चिंतित, फ्रांस ने दिखाई रुचि

Pinaka rocket System: भारत में पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण! चीन-पाक चिंतित, फ्रांस ने दिखाई रुचि
Last Updated: 2 घंटा पहले

डीआरडीओ ने निर्देशित पिनाक हथियार प्रणाली का सफल उड़ान परीक्षण पूरा किया, जो पीएसक्यूआर वेलिडेशन का हिस्सा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी प्रशंसा करते हुए इसे तोपखाने की मारक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण बताया।

DRDO tested Pinaka rocket: भारत ने गुरुवार को पिनाक हथियार प्रणाली का सफल उड़ान परीक्षण कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण के दौरान पीएसक्यूआर मापदंडों जैसे रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड का आकलन किया गया। सैल्वो मोड में कई लक्ष्यों पर एक साथ फायरिंग के लिए रॉकेटों का व्यापक परीक्षण किया गया। इस सफलता से भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा और यह प्रणाली भविष्य में युद्धक्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

भारत का पिनाका परीक्षण सफल 

भारत ने गुरुवार को पिनाक हथियार प्रणाली के सफल परीक्षण के साथ एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह परीक्षण डीआरडीओ द्वारा निर्देशित पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट का हिस्सा था। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि दो इन-सर्विस पिनाक लॉन्चरों से कुल 12 रॉकेटों का परीक्षण किया गया, जिसमें रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड जैसे मापदंडों पर विशेष ध्यान दिया गया।

क्या है पिनाक हथियार प्रणाली?

पिनाक एक उन्नत मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली है जो दुश्मनों के खिलाफ बेहद प्रभावी साबित हो सकती है। इसकी नई मारक क्षमता 75 किलोमीटर तक बढ़ाई गई है, जो पहले 38 किलोमीटर थी। यह 25 मीटर के दायरे में सटीक निशाना लगाने और 1000-1200 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से फायरिंग करने में सक्षम है। एक बार फायर होने के बाद इसे रोक पाना असंभव है।

पिनाक की खासियतें

- यह सिस्टम दो पॉड्स के साथ आता है, जिसमें प्रत्येक पॉड में छह लॉन्च वाहन होते हैं।

- सैल्वो मोड में यह 44 सेकंड के भीतर सभी 12 रॉकेट फायर कर सकता है।

- इसके लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क आधारित सिस्टम एक कमांड पोस्ट से जुड़े होते हैं।

- मार्क I की रेंज 40 किलोमीटर और मार्क II की रेंज 75 किलोमीटर है।

तीन चरणों में हुआ परीक्षण

यह परीक्षण अलग-अलग फील्ड फायरिंग रेंजों पर तीन चरणों में आयोजित किया गया। इन परीक्षणों का उद्देश्य पिनाक सिस्टम की सटीकता और स्थिरता को जांचना था।

राजनाथ सिंह ने सराहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी मांग

पिनाका रॉकेट लॉन्चर को अमेरिका के हिमर्स सिस्टम के बराबर माना जाता है। यह भारत का पहला प्रमुख रक्षा निर्यात बन चुका है। आर्मेनिया ने इसका पहला ऑर्डर दिया था, और अब फ्रांस ने भी इसमें रुचि दिखाई है।

चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती

पिनाका रॉकेट सिस्टम पहले से ही भारतीय सेना द्वारा चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात है। इसकी बढ़ी हुई मारक क्षमता और उन्नत तकनीक से दोनों देशों की बेचैनी बढ़ सकती है। यह प्रणाली भारत को सीमाई रक्षा में और अधिक मजबूत बनाएगी।

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