Indian Smartphone Market: भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 2024 में एक बार फिर चीनी कंपनियों का दबदबा बनाए रहने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, विश्लेषकों के मुताबिक इस साल वृद्धि की दर में धीमी गति देखी जा सकती है, लेकिन कंपनियां अपनी रणनीतियों में बदलाव के साथ मार्केट शेयर को बनाए रखने का प्रयास कर रही हैं। इस साल, चीनी कंपनियां अपनी ऑफलाइन मौजूदगी को बढ़ाने और मिड-रेंज से लेकर प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही हैं।
चीनी कंपनियों की बढ़ती रणनीति
भारत और चीन के रिश्तों में सुधार के बाद चीनी कंपनियां भारतीय स्मार्टफोन बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निरंतर निवेश कर रही हैं। प्रमुख कंपनियां जैसे वनप्लस, पोको और रियलमी इस समय देशभर में अपनी ऑफलाइन मौजूदगी बढ़ाने में जुटी हैं। इसके अलावा, कंपनियां अपने वितरण और सेवा नेटवर्क को भी मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं। वीवो ने नोएडा स्थित डिक्सन टेक्नोलॉजी के साथ जॉइंट वेंचर स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य भारत में स्मार्टफोन का निर्माण करना है, जिससे उत्पाद की लागत कम हो और स्थानीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले।
2023 में 25 एक्टिव ब्रांड्स
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में कुल 25 एक्टिव स्मार्टफोन ब्रांड्स थे। यह संख्या 2018 में 100 के आसपास थी, जो इस बात का संकेत है कि बाजार में कंसोलिडेशन चल रहा है। इस दौरान चीनी कंपनियों का प्रभुत्व बढ़ा है। 2023 की जुलाई-सितंबर तिमाही में, टॉप-5 स्मार्टफोन कंपनियों में 4 चीनी कंपनियां—वीवो, शाओमी, ओप्पो और रियलमी—शामिल थीं, जिनका कुल मार्केट शेयर लगभग 60 प्रतिशत था। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि चीनी ब्रांड्स भारतीय स्मार्टफोन बाजार में मजबूत स्थिति बनाए हुए हैं।
वृद्धि की दर धीमी, लेकिन उम्मीदें कायम
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल भारतीय स्मार्टफोन बाजार में वृद्धि की दर में कमी आएगी, हालांकि शिपमेंट 16 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। इस वृद्धि का आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले धीमा हो सकता है, लेकिन प्रीमियम स्मार्टफोन की बढ़ती मांग से वैल्यू ग्रोथ में उछाल देखने की उम्मीद है। प्रीमियम सेगमेंट में स्मार्टफोन की मांग भारतीय बाजार को एक नई दिशा दे सकती है, और इस क्षेत्र में बड़ी वृद्धि देखी जा सकती हैं।
2025 तक 50 बिलियन डॉलर का बाजार
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 तक भारतीय स्मार्टफोन बाजार का आकार 50 बिलियन डॉलर (लगभग 4 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है। इसके पीछे प्रमुख कारण स्मार्टफोन कंपनियों द्वारा प्रीमियम मॉडल्स की पेशकश और भारतीय बाजार में बढ़ते स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या है। साथ ही, बढ़ती डिजिटल और इंटरनेट सेवाओं के साथ मोबाइल फोन का उपयोग और भी बढ़ेगा।
चीनी कंपनियों के लिए स्थिरता का रास्ता
पिछले कुछ सालों में भारतीय बाजार में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने एक स्थिर रास्ता अपनाया है, जो उनके निरंतर सफलता का मुख्य कारण बन रहा है। इन कंपनियों ने भारतीय उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्मार्टफोन मॉडल्स की कीमतों और विशेषताओं का सही मिश्रण पेश किया है। हालांकि, भारतीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, फिर भी चीनी कंपनियां अपनी किफायती कीमतों और उन्नत प्रौद्योगिकी के जरिए भारतीय बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने में सक्षम हैं।
2024 में भी भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा कायम रहेगा, हालांकि, वृद्धि की दर धीमी हो सकती है। कंपनियां अपनी रणनीतियों में बदलाव करते हुए ऑफलाइन विस्तार और प्रीमियम स्मार्टफोन पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। इसके अलावा, भारत में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि के कारण 2025 तक भारतीय स्मार्टफोन बाजार 50 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है, जिससे यह क्षेत्र तकनीकी और आर्थिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण बन सकता हैं।