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आईटी सेक्टर में बढ़ी हायरिंग: अब डिग्री से ज्यादा स्किल्स की है मांग

अप्रैल 2025 में भारत के आईटी सेक्टर में 16% की हायरिंग बढ़ी है, जो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बढ़ने का संकेत है। इस वृद्धि का मुख्य कारण कंपनियों द्वारा डिग्री की बजाय स्किल्स को प्राथमिकता देना है।

टेक्नोलॉजी: भारत का आईटी सेक्टर अप्रैल 2023 में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा, जहां नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी आई। इस महीने में आईटी कंपनियों में हायरिंग में 16% की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह साफ हो गया कि भारतीय आईटी उद्योग लगातार बढ़ रहा है। खास बात यह है कि अब कंपनियों ने डिग्री से ज्यादा स्किल्स को महत्व देना शुरू कर दिया है। इसका मतलब है कि अब नौकरी पाने के लिए केवल डिग्री ही नहीं, बल्कि सही तकनीकी कौशल (Skills) का होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।

फाउंडइट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट 'फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर' में यह खुलासा हुआ कि अब 62% आईटी कंपनियां उम्मीदवार की असली काम करने की क्षमता और तकनीकी कौशल को प्राथमिकता दे रही हैं। इसका मतलब यह है कि भले ही आपके पास किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से डिग्री न हो, लेकिन अगर आप सही तकनीकी कौशल में माहिर हैं, तो आपकी नौकरी पाने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

आईटी सेक्टर में क्या हैं सबसे ज्यादा मांग वाले कौशल?

अगर आप आईटी सेक्टर में काम करने का सपना देख रहे हैं, तो सबसे ज्यादा जो स्किल्स मांगी जा रही हैं, उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों की प्रमुखता है। इन डोमेन से जुड़ी हुई 95% पोस्टिंग्स आईटी जॉब्स के लिए हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास इनमें से कोई एक क्षेत्र में मजबूत तकनीकी कौशल है, तो आपकी जॉब पाने के मौके ज्यादा हैं।

छोटे शहरों में भी आईटी नौकरियों की बढ़ती डिमांड

इसके अलावा, छोटे शहरों में भी अब आईटी जॉब्स की डिमांड बढ़ने लगी है। कोयंबटूर (40%), अहमदाबाद (17%) और बड़ौदा (15%) जैसे शहरों में आईटी सेक्टर ने जबरदस्त उछाल देखा है। खास बात यह है कि इन शहरों में हाइब्रिड वर्क मॉडल का इस्तेमाल और कम खर्च वाले माहौल ने कंपनियों को आकर्षित किया है। इससे यह साफ होता है कि अब बड़ी कंपनियां सिर्फ मेट्रो शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी विस्तार करने पर विचार कर रही हैं।

मेट्रो शहरों में अब भी लीडरशिप रोल्स की डिमांड

हालांकि, मेट्रो शहरों में भी आईटी सेक्टर की मांग कम नहीं हुई है। बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में अभी भी स्पेशलिस्ट और लीडरशिप रोल्स की डिमांड सबसे ज्यादा है। इन शहरों में अप्रैल महीने में लगभग 7-9% की वृद्धि देखी गई है। मेट्रो शहरों में अब भी उच्च पदों और विशेषज्ञों की आवश्यकता बनी हुई है, और यह संकेत है कि बड़ी कंपनियां इन शहरों को अपनी हेडक्वार्टर के रूप में देख रही हैं।

ग्लोबल कैप्टिव सेंटर (GCCs), यानी उन कंपनियों की भारतीय ब्रांच जो अंतरराष्ट्रीय क्लाइंट्स के लिए काम करती हैं, ने आईटी सेक्टर में रोजगार के अवसरों को और बढ़ावा दिया है। इन कंपनियों ने अकेले ही 1.1 लाख नई तकनीकी नौकरियों का निर्माण किया है, जिससे आईटी हायरिंग को और भी बल मिला है।

विदेशी निवेशकों की सतर्कता

हालांकि, इस सकारात्मक माहौल के बीच, आईटी सेक्टर को एक झटका भी लगा है। अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने आईटी सेक्टर से लगभग $1.8 बिलियन (लगभग 15 हजार करोड़ रुपये) की रकम निकाल ली। यह गिरावट बड़ी आईटी कंपनियों की कमजोर कमाई और सतर्क भविष्यवाणियों के कारण हुई। हालांकि, इसके बावजूद, आईटी सेक्टर का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है, क्योंकि कंपनियां अब अपने कामकाजी माहौल में नई दृष्टि और नवाचार लाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

स्किल्स से बनेगी नौकरी, डिग्री अब नहीं है निर्णायक

कुल मिलाकर, अब भारत का आईटी सेक्टर एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, जहां कौशल (Skills) की अहमियत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। कंपनियां अब केवल डिग्री के आधार पर उम्मीदवार का चयन नहीं करतीं, बल्कि उनकी तकनीकी क्षमताओं और समस्या सुलझाने की काबिलियत पर जोर देती हैं। यदि आप तकनीकी क्षेत्र में माहिर हैं और आपकी कार्यकुशलता उच्च स्तर की है, तो अब आपके पास आईटी सेक्टर में नौकरी पाने के बहुत अच्छे मौके हैं।

यह बदलाव नौकरी पाने के इच्छुक युवाओं के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। अगर आप भी आईटी सेक्टर में कदम रखना चाहते हैं तो आपकी डिग्री की जगह आपके कौशल ही आपके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

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