डिजिटल धोखाधड़ी पर काबू पाने के लिए सरकार का सख्त कदम, 2 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन बंद

डिजिटल धोखाधड़ी पर काबू पाने के लिए सरकार का सख्त कदम, 2 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन बंद
Last Updated: 22 नवंबर 2024

भारत में बढ़ते डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों को ध्यान में रखते हुए, दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे म्यांमार, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम से आ रही धोखाधड़ी कॉल और साइबर अपराधों पर कड़ी नज़र रखते हुए अब तक 4.8 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शनों की पहचान की है।

2 लाख कनेक्शनों को किया बंद

दूरसंचार विभाग  ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 2 लाख फर्जी कनेक्शनों को बंद कर दिया है। इसके अलावा, बाकी बचे 2.8 लाख कनेक्शनों के खिलाफ कार्रवाई अभी भी जारी है। साथ ही, विभाग ने इन धोखाधड़ी गतिविधियों से जुड़े 6,200 मोबाइल हैंडसेट्स की भी पहचान की है और उन्हें पूरे भारत में ब्लॉक कर दिया है। यह कदम भारत के डिजिटल सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

साइबर फ्रॉड को लेकर मंत्रालय ने दिया सख्त आदेश

यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के साइबर फ्रॉड कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के निर्देशों पर की गई। I4C ने हाल के महीनों में साइबर अपराधों की बढ़ती शिकायतों को लेकर मेटा के प्लेटफॉर्म WhatsApp को धोखाधड़ी वाले खातों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है।

डिजिटल अरेस्ट: एक नया और खतरनाक फ्रॉड तरीका

डिजिटल अरेस्ट एक नया धोखाधड़ी तरीका है, जहां स्कैमर्स खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए लोगों को धमकाते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं। इस प्रकार के फ्रॉड में सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे लोग आसानी से ठगों के झांसे में फंस जाते हैं।

यह कार्रवाई डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराधों के खिलाफ DoT के समर्पण को दर्शाती है। विभाग की यह पहल भारत के डिजिटल और वित्तीय ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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