गोपनीयता के लिए पहचाना जाने वाला लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Signal एक बार फिर अपनी प्राइवेसी-फर्स्ट नीति को लेकर चर्चा में है। इस बार Signal ने Windows 11 यूजर्स के लिए ऐसा अपडेट पेश किया है जो सीधे तौर पर माइक्रोसॉफ्ट के नए AI-आधारित Recall फीचर को चुनौती देता है। Signal ने अपने डेस्कटॉप ऐप के लिए "Screen Security" नामक एक नया फीचर जोड़ा है, जो चैट्स की सुरक्षा को और भी सख्त बनाता है।
इस अपडेट से Signal यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी एप्लिकेशन—चाहे वह माइक्रोसॉफ्ट का Recall फीचर ही क्यों न हो—एन्क्रिप्टेड चैट्स का स्क्रीनशॉट नहीं ले सकता। Signal का यह कदम एक टेक्नोलॉजिकल वार की तरह देखा जा रहा है, जहां एक तरफ प्राइवेसी प्रेमी एप्स हैं, तो दूसरी तरफ हैं बड़ी टेक कंपनियां जो AI के नाम पर यूजर डेटा को प्रोसेस करने में जुटी हैं।
क्या है Signal का नया अपडेट?
21 मई को Signal के डेवेलपर जोशुआ लुंड ने ब्लॉग पोस्ट के ज़रिए यह जानकारी साझा की कि Signal ने Windows 11 पर अपने डेस्कटॉप वर्जन में 'Screen Security' नाम का नया फीचर शामिल किया है। यह फीचर डिफॉल्ट रूप से ऑन रहेगा और खास बात यह है कि यह माइक्रोसॉफ्ट के Copilot+ PC में मौजूद Recall फीचर को Signal चैट्स का स्क्रीनशॉट लेने से रोक देगा।
इस Screen Security फीचर की तकनीक DRM (डिजिटल राइट्स मैनेजमेंट) पर आधारित है। वही तकनीक जिसका इस्तेमाल नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग कंपनियां अपनी वीडियो को कॉपी होने से रोकने के लिए करती हैं। अब Signal ने इसे टेक्स्ट और चैट प्राइवेसी के लिए भी लागू कर दिया है।
Recall फीचर क्यों है विवादों में?
Recall फीचर माइक्रोसॉफ्ट की AI रणनीति का हिस्सा है। यह फीचर हर कुछ सेकेंड में यूजर की स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेकर उसे एक searchable डाटाबेस में सेव करता है। इसका दावा है कि यूजर अगर भविष्य में किसी वेबसाइट, डॉक्युमेंट, या चैट को ढूंढना चाहें तो यह फीचर उन्हें उस सटीक दृश्य तक ले जाएगा।
हालांकि इस फीचर के आने के साथ ही प्राइवेसी एक्सपर्ट्स और टेक कम्युनिटी में चिंता की लहर दौड़ गई। लोगों का मानना है कि यह फीचर बेहद संवेदनशील डेटा को बिना किसी रोकटोक के स्टोर कर सकता है। इसकी वजह से माइक्रोसॉफ्ट को इस फीचर को दो बार टालना पड़ा और अब इसे opt-in (यानी यूजर की मंजूरी के बाद ही चालू होने वाला) फीचर बना दिया गया है।
माइक्रोसॉफ्ट ने भले ही Recall को बेहतर बनाने के लिए डेटा एन्क्रिप्शन और सेंसिटिव कंटेंट फिल्टर जैसी तकनीकों को शामिल किया हो, लेकिन Signal इससे अब भी संतुष्ट नहीं है।
जोशुआ लुंड का बयान: 'कोई विकल्प नहीं बचा था'
सिग्नल के डेवलपर जोशुआ लुंड ने अपने ब्लॉग में साफ तौर पर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के नए Recall फीचर से प्राइवेसी को लेकर गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट पिछले एक साल में कई बदलाव कर चुका है, लेकिन यह नया फीचर अब भी ऐसे ऐप्स के लिए समस्या बन रहा है जो यूजर की गोपनीयता को सबसे ऊपर रखते हैं, जैसे कि सिग्नल। Recall हर कुछ सेकेंड में स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेता है, जिससे निजी बातचीत या संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।
जोशुआ लुंड ने आगे कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने हमें कोई और विकल्प नहीं छोड़ा, इसलिए हमें मजबूरन Windows 11 पर सिग्नल ऐप में डिफॉल्ट रूप से Screen Security फीचर शामिल करना पड़ा। इस नए फीचर से भले ही कुछ उपयोगकर्ताओं को ऐप की कार्यक्षमता में थोड़ा बदलाव महसूस हो, लेकिन सिग्नल की प्राथमिकता यूजर की प्राइवेसी है। लुंड का कहना है कि वे किसी भी स्तर पर जाकर यूजर डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, चाहे इसके लिए टेक्निकल स्तर पर कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े।
कैसे काम करता है Signal का Screen Security फीचर?
यह फीचर DRM तकनीक पर आधारित है। DRM का उपयोग आमतौर पर वीडियो और म्यूजिक जैसी डिजिटल सामग्री की कॉपी को रोकने के लिए किया जाता है। Signal ने इस तकनीक को टेक्स्ट-आधारित चैट्स के लिए लागू किया है, ताकि कोई भी थर्ड-पार्टी टूल या फीचर—जैसे माइक्रोसॉफ्ट का Recall—इन चैट्स की स्क्रीन इमेज कैप्चर न कर सके।
माइक्रोसॉफ्ट की ही डेवलपर गाइड में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अगर कोई एप DRM का उपयोग करता है, तो Recall जैसे फीचर उसके कंटेंट को कैप्चर नहीं कर पाएंगे। इसीलिए Signal का यह कदम किसी नियम या पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करता, बल्कि उपलब्ध सुरक्षा उपायों का एक समझदारी भरा उपयोग है।
क्या कहती है टेक्नोलॉजी कम्युनिटी?
टेक्नोलॉजी कम्युनिटी में Signal के इस नए अपडेट की काफी तारीफ हो रही है। जहां कई कंपनियां यूजर डेटा को ट्रैक करके विज्ञापन और एनालिटिक्स के लिए इस्तेमाल करती हैं, वहीं Signal जैसी ऐप्स बहुत कम हैं जो यूजर की प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखती हैं। इसी वजह से इसे एक जिम्मेदार और भरोसेमंद कदम माना जा रहा है।
साइबरसिक्योरिटी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दूसरे ऐप्स भी Signal की तरह DRM तकनीक का इस्तेमाल करें, तो माइक्रोसॉफ्ट के Recall जैसे फीचर्स की पहुंच खुद-ब-खुद सीमित हो जाएगी। इससे यूजर को यह तय करने का ज्यादा हक मिलेगा कि उनकी स्क्रीन या चैट को कौन देख सकता है और कौन नहीं।
क्या यह माइक्रोसॉफ्ट के लिए चेतावनी है?
Signal का यह कदम न सिर्फ यूजर की सुरक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि यह माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के लिए भी एक संकेत है कि प्राइवेसी को लेकर अब यूजर्स पहले से कहीं ज्यादा जागरूक हो गए हैं। Recall जैसा फीचर टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के नाम पर पेश किया गया था, लेकिन यूजर और डेवलपर्स के बीच इसकी विश्वसनीयता अब भी सवालों के घेरे में है।
Signal का अपडेट यह बताता है कि अब प्राइवेसी-फोकस्ड एप्स केवल चेतावनी नहीं देते, बल्कि टेक्निकल उपाय भी अपनाते हैं। इससे माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों को भी अपने फीचर्स में यूजर की सहमति और पारदर्शिता को लेकर और गंभीर होना पड़ेगा।
Signal का नया अपडेट एक तरह से टेक इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है कि यूजर की प्राइवेसी के नाम पर समझौता अब स्वीकार्य नहीं होगा। Windows 11 में लॉन्च हुआ यह सिक्योरिटी फीचर न सिर्फ Signal को और मजबूत बनाता है, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट के Recall जैसे फीचर्स की सीमाओं को भी उजागर करता है।