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Starlink इंटरनेट की शुरुआत: बांग्लादेश में 300 Mbps तक की स्पीड के साथ लॉन्च, कीमतें भारत से ज्यादा

एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink ने अब आधिकारिक तौर पर बांग्लादेश में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। यह सेवा उन क्षेत्रों के लिए खास है जहां पारंपरिक इंटरनेट कनेक्टिविटी मुश्किल या कमज़ोर है। Starlink अपने उपग्रह नेटवर्क के माध्यम से तेज, भरोसेमंद और असीमित इंटरनेट की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि इसकी कीमत बांग्लादेश के पारंपरिक इंटरनेट प्रदाताओं से कहीं अधिक है, लेकिन इसकी स्पीड और बिना डेटा कैप की सुविधा इसे खास बनाती है।

Starlink की लॉन्चिंग और सरकार की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश में Starlink इंटरनेट सेवा की शुरुआत को लेकर सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। फैज अहमद तैय्यब, जो कि चीफ एडवाइजर के विशेष सहायक हैं, उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि यह लॉन्चिंग देश की अंतरिम सरकार के 90 दिनों के विकास लक्ष्यों का हिस्सा रही है। उन्होंने बताया कि Starlink की सेवा से देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई मिलेगी, खासकर दूरदराज के इलाकों में जहां अब तक इंटरनेट पहुंचना मुश्किल था। हालांकि उन्होंने माना कि यह सेवा पारंपरिक इंटरनेट के मुकाबले महंगी है, लेकिन यह प्रीमियम यूजर्स को बेहतर स्पीड और भरोसेमंद कनेक्शन का विकल्प देती है, जो डिजिटल बांग्लादेश के विजन को मजबूत करेगी।

Starlink प्लान्स और कीमतें

Starlink ने बांग्लादेश में दो रेजिडेंशियल इंटरनेट प्लान्स पेश किए हैं। पहला प्लान 6,000 टका प्रति माह (लगभग ₹4,200) का है और दूसरा प्लान 4,200 टका प्रति माह (लगभग ₹2,900) का है। इसके साथ ही यूजर को इंस्टॉलेशन फीस के रूप में 47,000 टका (लगभग ₹32,900) भी चुकाने होंगे। यह कीमतें पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाओं के मुकाबले काफी अधिक हैं, लेकिन Starlink का दावा है कि उसकी सेवा की गुणवत्ता और स्पीड इस अतिरिक्त खर्च को उचित ठहराती है।

Starlink की तकनीकी खासियतें

Starlink इंटरनेट सेवा 300 Mbps तक की डाउनलोड स्पीड देने का दावा करती है, जो पारंपरिक इंटरनेट से काफी बेहतर है। इसके साथ कोई डेटा लिमिट नहीं होती, यानी यूजर असीमित डेटा इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही, यह सेवा स्पीड थ्रॉटलिंग से मुक्त है, जिसका मतलब है कि यूजर को हमेशा फुल स्पीड मिलेगी। यह विशेष रूप से उन दूर-दराज के इलाकों के लिए फायदेमंद है जहां इंटरनेट स्पीड और स्थिरता की समस्या रहती है।

दूरदराज क्षेत्रों के लिए वरदान

Starlink की यह हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा दूरदराज और पिछड़े इलाकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जहां अभी तक पारंपरिक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं पहुंच पाई थी। सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह किसी भी भूगोल या इलाके की भौगोलिक रुकावटों से प्रभावित नहीं होती। चाहे पहाड़ हों, जंगल, तटीय इलाके या सुदूर ग्रामीण क्षेत्र—कहीं भी Starlink का टर्मिनल लगाकर आसानी से इंटरनेट का उपयोग किया जा सकता है। इससे उन क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, प्रशासनिक सेवाएं और छोटे व्यवसायों को डिजिटल रूप से जोड़ा जा सकेगा, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ेगी।

भारत से पहले बांग्लादेश क्यों?

Starlink की सेवा भारत में पहले शुरू होने की योजना थी, लेकिन यहां सरकारी मंजूरी और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं में देरी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। इसके विपरीत, बांग्लादेश सरकार ने Starlink को समय रहते सभी जरूरी परमिशन दे दी, जिससे कंपनी ने वहां तेजी से अपनी सेवा शुरू कर दी। यह दिखाता है कि बांग्लादेश ने डिजिटल तकनीक और बदलाव को अपनाने में भारत से ज्यादा तत्परता और समर्थन दिखाया है। इसके जरिए वहां के लोगों को जल्दी हाई-स्पीड इंटरनेट मिलने लगा, जबकि भारत में अब भी इसकी शुरुआत अटकी हुई है।

भारत में कब शुरू होगी सेवा?

Starlink भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए पहले ही दूरसंचार विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों से संपर्क कर चुका है। भारत में इसकी काफी बड़ी मांग हो सकती है क्योंकि आज भी देश के कई ग्रामीण, पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों में तेज और भरोसेमंद इंटरनेट की सुविधा नहीं है। Starlink की सेवा इन क्षेत्रों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। लेकिन फिलहाल भारत सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर कोई स्पष्ट और स्थिर नीति नहीं बनाई है। इसी नीति की कमी के कारण कंपनी को आधिकारिक मंजूरी नहीं मिल पा रही है, जिससे इसकी लॉन्चिंग में देरी हो रही है।

बांग्लादेश में डिजिटल विकास को मिलेगी रफ्तार

Starlink की शुरुआत से बांग्लादेश में डिजिटल क्रांति को नया बल मिलेगा, खासकर उन इलाकों में जहां अब तक इंटरनेट की सुविधा बेहद सीमित थी। इसकी मदद से दूरदराज के स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस संभव हो सकेंगी, छोटे अस्पताल टेलीमेडिसिन के जरिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से जुड़ पाएंगे और गांवों में रहने वाले लोग भी अब घर बैठे डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इससे न सिर्फ शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र मजबूत होंगे, बल्कि छोटे व्यवसायों और स्थानीय उद्यमों को भी नए अवसर मिलेंगे, जिससे पूरे देश में डिजिटल समावेशन की रफ्तार तेज हो सकती है।

Starlink की बांग्लादेश में एंट्री इस बात का संकेत है कि सैटेलाइट इंटरनेट अब एक वास्तविक और व्यवहारिक विकल्प बन चुका है। भारत समेत अन्य विकासशील देशों को भी इससे सबक लेते हुए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने होंगे। अगर नियामकीय प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, तो भारत जैसे बड़े देश में भी Starlink जैसी सेवाएं डिजिटल खाई को पाटने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

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