साइबर ठगों ने ठगी का एक नया तरीका अपना लिया है, जिसे 'जंप्ड डिपॉजिट' स्कैम कहा जा रहा है। इस स्कैम में ठग पहले UPI के माध्यम से पीड़ित के खाते में एक छोटी रकम भेजते हैं, और फिर कुछ ही समय में उससे कई गुना ज्यादा रकम पीड़ित के खाते से निकाल लेते हैं। तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने इस स्कैम के बारे में चेतावनी जारी की है, क्योंकि नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर इसकी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के लिए पूरी तरह जागरूक रहने की अपील की है।
कैसे काम करता है 'जंप्ड डिपॉजिट' स्कैम
इस स्कैम में जालसाज पहले UPI के माध्यम से पीड़ित के खाते में एक छोटी राशि भेजते हैं। खाते में रकम आते ही पीड़ित के पास एक SMS प्राप्त होता है, जो उसे तुरंत अपने अकाउंट की जांच करने के लिए प्रेरित करता है। जैसे ही पीड़ित अपनी बैंक जानकारी चेक करने के लिए UPI पिन डालता है, ठग पहले से सेट की गई पैसे निकालने की रिक्वेस्ट को अप्रूव कर लेते हैं। इस प्रकार, ठग छोटी रकम भेजकर पीड़ित के खाते से कई गुना ज्यादा रकम उड़ा लेते हैं। पुलिस ने इस पर त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
पुलिस का अलर्ट सतर्क रहें
साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी को UPI से संबंधित संदिग्ध SMS प्राप्त हो, तो तुरंत अपने अकाउंट को चेक करने से बचें। साइबर क्राइम विंग ने यह भी सलाह दी है कि ऐसे मामलों में कुछ समय तक इंतजार करें ताकि ठगों द्वारा की गई रिक्वेस्ट अपने आप एक्सपायर हो जाए। इसके अलावा, पहली बार में गलत UPI पिन डालने से भी ऐसी रिक्वेस्ट को रद्द किया जा सकता है।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस स्कैम से जुड़ी कई शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। पुलिस ने पीड़ितों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन या पोर्टल पर दर्ज कराएं, ताकि ठगों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जा सके।