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WhatsApp Scam: फोटो-वीडियो से हो रहा बैंक अकाउंट खाली, जानिए क्या हैं नया डिजिटल जाल

WhatsApp Scam: फोटो-वीडियो से हो रहा बैंक अकाउंट खाली, जानिए क्या हैं नया डिजिटल जाल
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

देशभर में WhatsApp और Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक खतरनाक साइबर स्कैम ने दस्तक दी है, जिसमें महज एक फोटो या वीडियो डाउनलोड करने भर से यूजर्स के बैंक खातों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस नए साइबर खतरे को लेकर एक चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि एक नई तकनीक Steganography के ज़रिए हैकर्स स्मार्टफोन में वायरस भेज रहे हैं।

क्या है यह नया साइबर जाल?

इस साइबर स्कैम का तरीका बेहद चालाक है। स्कैमर्स सोशल मीडिया या इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp, Telegram, Facebook Messenger और Instagram के ज़रिए यूजर्स को लुभावने ऑफर, इनवाइट या गिफ्ट के बहाने फोटो और वीडियो भेजते हैं। इन फाइल्स को डाउनलोड करते ही यूजर के स्मार्टफोन में एक बेहद खतरनाक मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है जो बैकग्राउंड में काम करते हुए बैंकिंग ऐप्स, UPI ऐप्स और अन्य वित्तीय डेटा को चुपचाप स्कैन करता है।

Steganography: दिखता कुछ और है, करता कुछ और

इस तकनीक का नाम है Steganography, जिसमें खतरनाक कोड्स को किसी तस्वीर, ऑडियो या वीडियो के अंदर छिपा दिया जाता है। यूजर को यह एक साधारण मीडिया फाइल लगती है, लेकिन डाउनलोड करते ही वायरस एक्टिव हो जाता है और डिवाइस का कंट्रोल धीरे-धीरे स्कैमर के हाथों में चला जाता है।

कैसे होता है बैंक अकाउंट खाली?

एक बार जब स्कैमर को आपके फोन तक रिमोट एक्सेस मिल जाता है, तो वे की-लॉगर्स के ज़रिए आपके पासवर्ड, OTP, और बैंकिंग लॉगिन क्रेडेंशियल्स को रिकॉर्ड कर लेते हैं। फिर UPI ट्रांजैक्शन्स, इंटरनेट बैंकिंग और कार्ड डिटेल्स के ज़रिए अकाउंट को खाली कर दिया जाता है और यूजर को तब पता चलता है जब बैलेंस “शून्य” हो चुका होता है।

कैसे बचें इस डिजिटल धोखाधड़ी से?

दूरसंचार विभाग ने लोगों को कुछ बेहद जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

1. ऑटोमेटिक डाउनलोड बंद करें: WhatsApp और Telegram जैसे ऐप्स की सेटिंग्स में जाकर मीडिया ऑटो डाउनलोड ऑप्शन को तुरंत बंद करें।
2. अनजान नंबर से आई फाइल्स को न खोलें: किसी अनजान व्यक्ति से आया वीडियो, फोटो, या लिंक बिलकुल भी डाउनलोड या क्लिक न करें।
3. ऐंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें: अपने फोन में भरोसेमंद ऐंटी-वायरस रखें, जो ऐसे मैलवेयर को पहचान कर ब्लॉक कर सके।
4. फोन अपडेट रखें: ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को समय-समय पर अपडेट करते रहें ताकि सिक्योरिटी पैचेस सक्रिय रहें।

सरकार की अपील

DoT ने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर सार्वजनिक अलर्ट जारी करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया है कि लोग डिजिटल जागरूकता बढ़ाएं और ऑनलाइन व्यवहार में सावधानी बरतें। साइबर अपराधी पहले से कहीं ज़्यादा तकनीकी और चालाक हो चुके हैं, और ऐसे में सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।

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