लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST में कमी: मंत्रियों की बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे, जानें पूरी जानकारी

लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST में कमी: मंत्रियों की बैठक में चर्चा के प्रमुख मुद्दे, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 18 अक्टूबर 2024

GST की चार-स्तरीय संरचना में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें शामिल हैं। आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के तहत या तो कर से छूट दी जाती है या फिर सबसे कम स्लैब में रखा जाता है।

नई दिल्ली: जीएसटी दरों में सुधार और हेल्थ लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर दरों में कमी पर विचार करने के लिए गठित दो मंत्री समूहों (GoM) की शनिवार को बैठक होने जा रही है। यह बैठक स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर दरों को कम करने के लिए गठित जीओएम की पहली बैठक होगी।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाला मंत्री समूह बीमा प्रीमियम पर टैक्स की दर को 18 प्रतिशत से कम करने का सुझाव देगा। चौधरी के नेतृत्व में एक अन्य मंत्री समूह भी बैठक करेगा, जिसका उद्देश्य जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाना और आवश्यक वस्तुओं पर करों में कमी लाना प्राथमिकता है।

टैक्स घटाने पर होगी प्रमुख चर्चा

इस बैठक में अनेक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें टैक्स स्लैब को घटाने, अधिक वस्तुओं को पांच प्रतिशत टैक्स के दायरे में लाने, और चिकित्सा एवं औषधि से संबंधित वस्तुओं, साइकिल, तथा बोतलबंद पानी पर टैक्स को उचित बनाना शामिल है। छह सदस्यीय समूह में आम जनता की उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स की दर कम करने के संभावित राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए गैस-युक्त (एयरेटेड) पानी और पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर दरें बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

जीएसटी में चार प्रकार के टैक्स स्लैब      

वस्तु एवं सेवा कर (GST) की चार-स्तरीय संरचना में कर की दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं। जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं को कर से छूट दी जाती है या उन्हें सबसे निचले स्लैब में रखा जाता है, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं को सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में रखा जाता है।

इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने की संभावना की जांच के लिए एक मंत्री समूह का गठन भी किया है। इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से सरकार को लाभ

यह मंत्री समूह बुजुर्गों, मध्यम वर्ग और मानसिक बीमारी जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य प्रकार के चिकित्सा बीमा की कर दरों पर सुझाव देगा। पिछले वित्तीय वर्ष में, केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इसके साथ ही, स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त हुआ।

 

 

 

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