भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जानकारी दी है कि 2000 रुपये के कुल 98.04 प्रतिशत बैंक नोट अब तक बैंकिंग प्रणाली में वापस लौट चुके हैं। वर्तमान में केवल 6970 करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट जनता के पास बचे हुए हैं। यह निर्णय पिछले साल मई में लिया गया था, जब आरबीआई ने 2000 रुपये के बैंक नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। उस समय बाजार में 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट उपलब्ध थे।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब डेढ़ साल पहले 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला लिया था। केंद्रीय बैंक ने लोगों को पर्याप्त समय दिया था ताकि वे इन नोटों को वापस बैंक में जमा कर सकें। अब तक 2000 रुपये के करीब 98 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हजारों करोड़ रुपये के गुलाबी नोट अभी भी लोगों के पास पड़े हुए हैं।
RBI का बड़ा अपडेट, 2000 रुपये के नोटों की वापसी धीमी
रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों पर बड़ा अपडेट दिया है। इसके अनुसार, सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद अब तक 98.04 प्रतिशत 2000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। हालांकि, 31 अक्टूबर 2024 तक आंकड़े के मुताबिक, अभी भी लोगों के पास 6,970 करोड़ रुपये मूल्य के गुलाबी नोट पड़े हैं।
आरबीआई ने बताया कि हालांकि ज्यादातर नोट वापस आ चुके हैं, लेकिन अब नोट वापस करने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। पिछले एक महीने में महज 147 करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट ही वापस आए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि जिनके पास ये नोट हैं, वे उन्हें बैंक में वापस नहीं कर रहे हैं।
सुस्त पड़ रही है 2000 रुपये के नोटों की वापसी की रफ्तार
रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा साझा किए गए ताजे आंकड़ों के अनुसार, 2000 रुपये के नोटों की वापसी की रफ्तार अब बहुत धीमी पड़ गई है। 1 जुलाई 2024 को शेयर किए गए डेटा के मुताबिक, बाजार में 7581 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट बाकी थे। 1 अक्टूबर 2024 तक यह आंकड़ा घटकर 7,117 करोड़ रुपये हो गया और अब 31 अक्टूबर 2024 तक यह 6,970 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसका मतलब यह हुआ कि जुलाई से अक्टूबर तक महज 611 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही वापस आ पाए हैं।
पिछले साल मई 2023 में 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया गया था, जब बाजार में 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट चलन में थे। 29 दिसंबर 2023 तक, यह आंकड़ा घटकर 9,330 करोड़ रुपये हो गया था, क्योंकि लोगों ने बड़ी संख्या में नोट वापस जमा कराए थे। हालांकि, इसके बाद से नोटों की वापसी की रफ्तार लगातार धीमी होती जा रही है।
2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर क्यों किया गया था? जानें पूरी वजह
रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई 2023 को क्लीन नोट पॉलिसी (Clean Note Policy) के तहत 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी। केंद्रीय बैंक ने लोगों को 2000 के नोटों को बदलवाने के लिए पहले 30 सितंबर 2023 तक की मोहलत दी थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया।
2000 रुपये के नोट को सबसे पहले नवंबर 2016 में पेश किया गया था, जब सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। यह कदम नोटबंदी के तहत उठाया गया था ताकि बाजार में नकली नोटों की तस्करी और काले धन को रोका जा सके।
हालांकि, 2018-19 में आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद करने का एलान किया था। केंद्रीय बैंक का कहना था कि अब बाजार में अन्य मूल्य के नोटों की पर्याप्त उपलब्धता हो गई है और 2000 रुपये के नोट की आवश्यकता नहीं रही, जिससे इसे चलन से बाहर करने का निर्णय लिया गया।