FPI Inflow: 9 महीने के उच्चतम स्तर पर, विदेशी निवेशकों का भारतीय स्टॉक मार्केट में बढ़ता आकर्षण

FPI Inflow: 9 महीने के उच्चतम स्तर पर, विदेशी निवेशकों का भारतीय स्टॉक मार्केट में बढ़ता आकर्षण
Last Updated: 6 घंटा पहले

FPI Inflow भारतीय शेयर बाजार में तेजी की एक वजह विदेशी निवेशकों द्वारा जारी निवेश भी है। पिछले 9 महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई इनफ्लो सितंबर में हुआ है। इस साल विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में लगातार निवेश किया है। हालांकि, जनवरी, अप्रैल और मई में एफपीआई आउटफ्लो देखने को मिला था। सितंबर में, विदेशी निवेशकों ने 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया।

नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में निवेश लगातार जारी है। सितंबर के एफआईआई इनफ्लो डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने इस महीने में 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह एफआईआई इनफ्लो 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद विदेशी निवेशकों के इनफ्लो में तेजी देखने को मिली है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।

सितंबर में विदेशी निवेशकों ने किया इतना बड़ा निवेश

डेटा के अनुसार, 27 सितंबर 2024 तक विदेशी निवेशकों ने 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस महीने विदेशी निवेशकों ने केवल एक दिन निकासी की, जबकि बाकी सभी दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का इनफ्लो देखा गया। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों ने दिसंबर 2023 में इक्विटी में 66,135 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो अब तक का सबसे बड़ा इनफ्लो है।

इस साल अप्रैल-मई के दौरान विदेशी निवेशकों ने 34,252 करोड़ रुपये का पूंजी बहाव किया। जनवरी, अप्रैल और मई के महीनों को छोड़कर, शेष सभी महीनों में निवेशकों ने निवेश किया है।

एफपीआई इनफ्लो में तेजी के पीछे के प्रमुख कारण

एफपीआई इनफ्लो में तेजी आने के कई कारण हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कारण फेडरल रिजर्व का निर्णय है। 18 सितंबर को अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती का ऐलान किया, जिसके बाद से एफपीआई इनफ्लो में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वैश्विक बाजार से मिल रहे सकारात्मक संकेत और भारत की वृद्धि दर भी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है।

आगामी बड़ी कंपनियों के आईपीओ भी निवेश का एक प्रमुख कारण बन रहे हैं। सितंबर के महीने में डेट मार्केट में एफपीआई ने Voluntary Retention Route (VRR) के माध्यम से 8,543 करोड़ रुपये और Fully Accessible Route (FRR) के तहत 22,023 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

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